नई दिल्ली। दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी दल इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। लोकसभा चुनाव में करारी मात खा चुकी कांग्रेस भी इसे लेकर कोई कोताही नहीं बरतना चाहती। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को सुभाष चोपड़ा को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। चोपड़ा 2003 से 2008 के बीच कालकाजी सीट से विधायक रहे हैं और पार्टी की प्रचार समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी उठा चुके हैं।
इस साल 20 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन के बाद यह पद खाली हुआ था। भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) की प्रचार समिति का अध्यक्ष चुना गया है। इस बीच सोनिया ने महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है।
बैठक में सभी पार्टी महासचिवों और राज्य प्रभारियों के उपस्थित रहने की संभावना है। इस बैठक में परिणामों के बाद की स्थिति का जायजा लिया जाएगा। हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों और महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों के चुनाव परिणाम गुरुवार को घोषित किए जाएंगे।
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पार्टी को उम्मीद है कि जिस तरह के नतीजे एग्जिट पोल में दिखाए गए हैं,
कांग्रेस का प्रदर्शन उतना बुरा नहीं रहेगा। एक सूत्र ने कहा कि कांग्रेस
की प्रतिक्रिया यह है कि वह हरियाणा में कड़ी टक्कर दे रही है और
महाराष्ट्र में दूसरे स्थान पर आ जाएगी। कांग्रेस ने अब तक दिखाए गए एग्जिट
पोल को खारिज कर दिया है, जिसमें भाजपा के लिए एक शानदार जीत की संभावना
दिखाई गई है।
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि भाजपा ने बेशक अनुच्छेद-370
और अन्य मुद्दों पर चुनाव लड़ा है, लेकिन जमीनी स्थिति अलग रही, क्योंकि
लोगों ने स्थानीय मुद्दों व जातिगत आधार पर वोट दिए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता
मीम अफजल ने कहा कि पार्टी दोनों राज्यों में वापसी करने जा रही है।
उन्होंने कहा, हम एग्जिट पोल में विश्वास नहीं करते हैं। पार्टी के एक नेता
ने कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी ने बेशक दोनों राज्यों में कम
सभाओं को संबोधित किया, लेकिन वे आर्थिक मंदी पर एक संदेश देने में सफल रहे
हैं।