Kamlesh Tiwari Murder : कमलेश की मां ने कहा, पुलिस के दबाव पर CM से मिले, इंसाफ नहीं मिला तो...

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 20 अक्टूबर 2019, 09:07 AM (IST)

लखनऊ। हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड में उत्तर प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ ने रविवार काे उनके परिजनों से मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो योगी आदित्यनाथ लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर कमलेश के परिवार के सदस्यों से मिलकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए है। वहीं इस मामले को लेकर सीएम योगी ने डीजीपी ओपी सिंह का भी तलब किया है। योगी आदित्यनाथ ने कमलेश तिवारी की हत्या की निंदा की और कहा कि ऐसी घटनाएं अस्वीकार्य हैं और मामले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।


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- कमलेश की मां कुसुम तिवारी ने देर शाम को कहा कि दबाव के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई। पुलिसवाले बार-बार दबाव डाल रहे थे और हमें जबरदस्ती लखनऊ लाया गया। मैं संतुष्ट नहीं हूं। अगर इंसाफ नहीं मिला तो हम तलवार उठाएंगे।

- सीएम ने परिवार को हर संभव मदद देने और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस मामले को लेकर योगी ने डीजीपी ओपी सिंह का भी तलब किया है।

- यूपी पुलिस ने अपराधियों को पकडने के लिए 10 टीमें गठित की।

- कमलेश तिवाडी हत्याकांड में पुलिस को सुराग मिले हैं। अपराधी जिस होटल में ठहरे हुए थे वो असली आई से लिया गया है। होटल में एक लावारिश बैग भी मिला है। पुलिस को होटल से खून से सने हुए कपडे मिले है।

जानकारी के मुताबिक आरोपी 17 अक्टूबर की रात 11 बजकर 8 मिनट पर होटल में आए थे। 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 38 मिनट गए फिर वापस दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर वापस आए। उसके बाद दोपहर 1 बजकर 37 मिनट पर होटल से चले गए। होटल के कमरे से पुलिस एक लावरिस बैग भी मिला है।

होटल में दी गई ID के मुताबिक संदिग्धों का पता- शेख अशफाक हुसैन पुत्र ज़ाकिर हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद निवासी 304, जिलानी अपार्टमेंट प्लॉट नंबर 15-16 पद्मावती सोसाइटी लिम्बायत सूरत सिटी गुजरात है।

इससे पहले परिवार के सदस्यों ने मांग रखी थी कि जब तक योगी आदित्यनाथ उनसे नहीं मिलते, वे कमलेश तिवारी का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हालांकि, योगी आदित्यनाथ ने पुष्टि की कि वह कमलेश तिवारी के परिवार से मिलेंगे। उन्होंने कहा, 'अगर उनका परिवार मुझसे मिलने आएगा तो मैं उनसे मिलूंगा।'

बता दे, योगी आदित्यनाथ से मुलाकात का आश्वासन मिलने के बाद कमलेश तिवारी के परिवार ने उनका अंतिम संस्कार किया।

शुक्रवार को कमलेश तिवारी की दो लोगों ने हत्या कर दी थी। हत्यारे खुर्शीद बाग इलाके में उनके लखनऊ आवास पर आए थे। हत्यारों ने भगवा कुर्ता पहना था और मिठाई के डिब्बे में पिस्तौल और चाकू छिपा रखा था। मिठाई का डिब्बा सूरत का था। बाद में इसी की मदद से 3 संदिग्धों को सूरत से गिरफ्तार किया गया।

अभी तक सरकार और पुलिस की तरफ से जो भी कदम उठाए गए हैं परिवार उससे खुश नहीं है। कमलेश तिवारी के बेटे ने पिता की हत्या के मामले में एनआईए जांच की मांग की है। कमलेश तिवारी के बेटे सत्यम ने कहा, 'हम चाहते हैं कि एनआईए मामले की जांच करे क्योंकि हमें किसी पर भरोसा नहीं है।' उसने कहा कि मेरे पिता को मार दिया गया, जबकि उनके पास सुरक्षा गार्ड थे, हम प्रशासन पर भरोसा कैसे कर सकते हैं?

कमलेश तिवारी की मां कुसुम तिवारी ने उठाए सवाल...

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कमलेश तिवारी की मां कुसुम तिवारी ने उठाए सवाल...
वहीं कमलेश तिवारी की मां कुसुम तिवारी ने भी कहा कि राज्य प्रशासन से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा कवर नहीं देकर उनके परिवार को धोखा दिया गया है। उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किए गए दावों को खारिज कर दिया कि उनके बेटे की हत्या का मामला सुलझ गया है। कुसुम तिवारी ने कहा, 'पुलिस कुछ निर्दोष लोगों को पकड़ेगी और कहेगी कि ये वही लोग हैं जिन्होंने मेरे बेटे की हत्या की है।'

उन्होंने कहा कि उनके बेटे को बार-बार मौत की धमकी मिली लेकिन किसी ने भी उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। हमने राज्य सरकार के पास पर्याप्त सुरक्षा मांगने के लिए कई आवेदन किए। हमने अदालत में भी संपर्क किया, लेकिन किसी ने भी हमें गंभीरता से नहीं लिया। क्या आज कोई मेरे बेटे को वापस कर सकता है? हम सीएम योगी या पीएम मोदी या सुरक्षा बलों से कुछ नहीं चाहते हैं। जिस दिन उसकी हत्या हुई थी उस दिन सुरक्षा क्यों हटा दी गई थी?

कुसुम तिवारी ने यह भी आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलेश तिवारी की सुरक्षा काफी कम हो गई थी। उन्होंने कहा, 'पिछली सरकार के तहत मेरे बेटे के पास लगभग 17 पुलिस सुरक्षा गार्ड थे। जब योगी आदित्यनाथ सीएम बने तो पहले इसे घटाकर आठ-नौ और फिर चार कर दिया गया। उनमें से दो ने मेरे बेटे का पीछा किया जहां भी वह गया जबकि दो उसके कार्यालय में तैनात रहे। लेकिन जिस दिन मेरे बेटे की हत्या हुई, आश्चर्यजनक रूप से चार सुरक्षा गार्डों में से कोई भी उसके साथ नहीं था।'