हरियाणा में वादों के जरिए वोटों की फसल काटने की तैयारियों में हैं राजनीतिक पार्टियां

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 17 अक्टूबर 2019, 4:18 PM (IST)

निशा शर्मा
चंडीगढ़। विधानसभा चुनावों के मद्देनजर हरियाणा में सभी राजनीतिक पार्टियां वादों के जरिए वोटों की फसल काटने की तैयारियों में जुटी हैं। सभी पार्टियां एक-दूसरे से बढ़ कर वादे कर रही हैं, सभी पार्टियां कह रही हैं, वादे ले लो, वादे।

तरह तरह के वादे. रंग बिरंगे वादे. सुनहरी वादे. खुशहाल जिंदगी के लिए वादे। इन दिनों हरियाणा में शोर है, 'ले लो, ले लो, बाज़ार सजा है, वादों का अंबार लगा है।' लोगों की जिंदगी में खुशहाली लाने के लिए सभी पार्टियों में जैसे एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी है। सभी पार्टियां खुद को लोगों की सबसे ज्यादा शुभचिंतक दिखाने के प्रयास में हैं, वादों का इतना अंबार लगाया जा रहा है, जैसे सत्ता में आने के बाद किसी की कोई समस्या ही नहीं रह जाएगी।

कांग्रेस, भाजपा और इनेलो के बाद अब जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने भी अपने घोषणा पत्र में खूब लोक लुभावन वादे किये हैं। जजपा ने बुजुर्गों को 5100 रुपए महीना पेंशन, राज्य के युवाओं को उद्योगों में नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण, किसानों को मुफ्त बिजली ट्यूबवेल कनेक्शन और कर्ज माफी, सरकारी नौकरियों में आवेदन के लिए सिर्फ एक बार 100 रुपए फीस, नौकरी के लिए गृह जिलों में परीक्षाओं का आयोजन और गांवों के बच्चों को अतिरिक्त 10 नंबर की सुविधा दी जाएगी। इसके आलावा लड़कियों को मुफ्त शिक्षा,न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद के लिए कानून बनेगा, सरपंचों को 8000 रुपए महीना मानदेय दिया जाएगा।

इससे पहले जारी कांग्रेस के घोषणा पत्र पर यकीन किया जाए तो ऐसा लगता है कि पार्टी के सत्ता में आने के बाद समाज का हर तबका मालामाल हो जाएगा। प्राथमिकता के आधार पर उनके हित में धड़ाधड़ फैसले लिए जाएंगे। कांग्रेस ने 24 घंटे में किसानों की कर्ज माफ़ी, मुफ्त बिजली दी जाएग। फसल खराब होने पर 12 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा, महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण, पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण, रोडवेज की बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा, गर्भवती महिलाओं को बच्चे के जन्म तक हर महीने 3,500 रुपये, हर माह दिए जाएंगे. बुढ़ापा पेंशन की राशि बढ़ा कर हर महीने 5,100 रुपए, गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को हर महीने 2 हजार रुपये चूल्हा खर्च और प्रदेश के युवाओं को निजी उद्योगों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया गया है।

इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी में कन्यादान के रूप में पांच लाख रुपए की मदद, वृद्धावस्था पेंशन की राशि बढ़ा कर पांच हजार रुपए महीने करने, किसानों को मुफ्त बिजली देने, छोटे किसानों व छोटे व्यापारियों के 10 लाख रुपए तक के कर्जे माफ करने, किसानों को 50 प्रतिशत मुनाफे के आधार पर फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, किसानों के ट्यूबवेल का पूरा बिजली बिल माफ करने, लड़कियों को एमए तक मुफ्त शिक्षा, बेरोजगारों को पंद्रह हजार रुपए प्रतिमाह भत्ता और ट्रैक्टरों, कृषि यंत्रों, कीटनाशकों, खाद व बीज पर जीएसटी खत्म करने का वादा किया गया है।

इसी तरह भाजपा ने पांच एकड़ से कम राज्य के 14 लाख किसानों को तीन हजार रुपए मासिक पेंशन, तीन लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त फसली कर्ज, किन्नू, अमरुद, गाजर व मटर को भावान्तर भरपाई योजना में शामिल करने, 25 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने, नौकरियों के लिए आवेदन के समय वन टाइम फीस तय करने, कुशल दस्तकारों को तीन लाख रुपए तक बिना गारंटी के ऋण, दिव्यांगों को अपना व्यवसाय शुरु करने के लिए तीन लाख रुपए तक ऋण, हर गांव में दैनिक बीएस सेवा शुरु करने, गांवों में संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी लगाने, बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराने और भू जल बोर्ड स्थापित करने और अपराधों पर रोक के लिए हर जिले में साइबर पुलिस थाने स्थापित करने का वादा किया है।

एक मोटे अनुमान के अनुसार जो भी पार्टी सत्ता में आएगी, उसे अपने चुनावी घोषणा पत्र को लागू कराने के लिए एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की जरूरत पड़ेगी। इतनी बड़ी धनराशि का बंदोबस्त कहां से किया जाएगा, इस बारे में किसी पार्टी ने खुलासा नहीं किया है। मकसद सिर्फ वादों के सहारे वोटों की फसल काटना है. लोग अभी सभी पार्टियों की सुन रहे हैं, लेकिन 21 अक्टूबर को मतदान के दौरान अपने मन की करेंगे।

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