जयपुर। प्रदेश के ऊर्जा एवं जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने केंद्र सरकार से प्रदेश के किसानों के हित में कुसुम योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा लक्ष्य आवंटित करने का आग्रह किया है। डॉ. कल्ला ने शनिवार को गुजरात के टेंट सिटी नर्मदा में आयोजित देश के राज्य एवं राज्य क्षेत्रों के विद्युत एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रियों की दो दिवसीय सम्मेलन में केन्द्रीय राज्य ऊर्जा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर. के. सिंह से यह मांग करते हुए राज्य सरकार की इस प्रतिबद्धता को दोहराया कि केंद्र सरकार द्वारा कुसुम योजना के तहत जो भी लक्ष्य आवंटित किए जाएंगे उनकी पालना करते हुए लक्ष्य के अनुरुप किसानों को पूरा लाभ पहुंचाया जाएगा।
डॉ. कल्ला ने बताया कि कुसुम योजना के तहत 30-30 प्रतिशत सहायता राज्य सरकार, केंद्र सरकार और नार्बाड द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि 10 प्रतिशत राशि किसानों को स्वयं वहन करनी होगी। ऊर्जा एवं जलदाय मंत्री के अनुरोध पर केन्द्रीय राज्य ऊर्जा मंत्री ने डॉ. कल्ला एवं राज्य के अधिकारियों के साथ अलग से भी प्रदेश की जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
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ऊर्जा एवं जलदाय मंत्री ने कॉन्फ्रेंस में राजस्थान के किसानों को
अलग से कृषि कनेक्शन देने के लिए राज्य में एग्रीकल्चर फीडर के सेग्रिगेशन
की आवश्यकता की ओर भी ध्यान आर्कषित किया। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार
से अधिक से अधिक सहायता दिलाने का अनुरोध किया ताकि राज्य में काश्तकारों
के कृषि कनेक्शनों के लिए अलग से डेडीकेटेड एग्रीकल्चर फीडर तैयार कर दिए
जा सके।
ऊर्जा मंत्री ने प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए भी
कैपिटल इन्वेस्टमेंट की जरुरत की ओर भी केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री का
ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि इसके लिएकरीब 3 हजार 763 करोड़ रुपये की
आवश्यकता है, इसके लिए 60 प्रतिशत केंद्रीय अनुदान मिले तो यह काम भी राज्य
में जल्द से जल्द पूरा किया जा सकेगा। डॉ. कल्ला ने प्रदेश के डिस्कॉम्स
में घाटे की र्पूति के लिए नई उदय योजना की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए
कहा कि राज्य में कैपिटल इन्वेस्टमेंट के लिए जहां जहां भी आवश्यकता है,
केंद्र सरकार को सहयोग का हाथ आगे बढ़ाना चाहिए। सम्मेलन में डॉ. कल्ला के
साथ प्रमुख शासन सचिव, ऊर्जा कुंजीलाल मीना एवं जयपुर डिस्काम के एमडी एके
गुप्ता ने भी शिरकत की।