नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए जारी प्रचार अभियान में कांग्रेस पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से काफी कमजोर दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पूरी टीम राज्य में चुनाव प्रचार कर रही है। भाजपा ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें कई मुख्यमंत्री शामिल हैं।
भाजपा के अलावा, शिवसेना भी पूरे जोश के साथ चुनावी मैदान में है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य का व्यापक दौरा कर रहे हैं और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे भी चुनाव प्रचार कर रहे हैं। भाजपा-शिवसेना का गठबंधन जहां अपने चुनाव प्रचार के दौरान आक्रामक दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस दिशाहीन प्रतीत हो रही है।
कांग्रेस में ऐसे नेता नहीं दिख रहे, जो पार्टी को एकजुट कर रणनीतिक रूप से अभियान को आगे बढ़ा सकें। कांग्रेस से दो पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और अशोक चव्हाण अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों, दक्षिणी कराड़ और भोकर में व्यस्त हैं।
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पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति भी चुनाव
मैदान में हैं, जो सुशील शिंदे को अपने क्षेत्र में व्यस्त रखे हुए हैं।
कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और कोंकण क्षेत्र के दिग्गजों में से एक
नारायण राणे भाजपा में चले गए हैं। कांग्रेस के राज्य पार्टी प्रमुख बाला
साहेब थोरात भी चुनाव लड़ रहे हैं, मगर वह भी बहुत आगे बढक़र प्रचार नहीं कर
पा रहे हैं।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी को किसी ऐसे व्यक्ति की
जरूरत है, जो चुनावी अभियान का प्रबंधन कर सके। महाराष्ट्र में काम करने के
लिए कांग्रेस ने अपने केंद्रीय नेताओं व महासचिव मुकुल वासनिक और अविनाश
पांडे को जिम्मेदारी सौंपी है। यहां तक कि हिमाचल प्रभारी रजनी पाटील और
गुजरात प्रभारी राजीव साटव को भी राज्य में अभियान के लिए नियुक्त किया गया
है। एक नेता का हालांकि मानना है कि इन सभी प्रयासों के बावजूद पार्टी कुछ
ऐसे ताकतवर राज्य नेताओं की तलाश में है, जो व्यापक रूप से अभियान को आगे
बढ़ा सकें और समन्वय स्थापित कर सकें।
(IANS)