मुंबई। पंजाब एंड सिंध बैंक (पीएसबी) ने शनिवार को खुलासा किया कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से 44.1 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। बैंक ने पहली बार चोकसी द्वारा डिफॉल्ट के बारे में खुलकर जानकारी दी है। चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने बैंक से लोन लिया था। चोकसी कंपनी में डायरेक्टर के साथ-साथ गारंटर है।
जब चोकसी ने लोन अमाउंट नहीं चुकाया तो 31 मार्च 2018 को पीएसी ने उसे एनपीए में डाल दिया। बैंक ने चोकसी को लोन अमाउंट, ब्याज और अन्य शुल्कों का उसी साल 23 अक्टूबर को भुगतान करने के लिए कहा था। जब भुगतान नहीं किया गया तो इस साल 17 सितंबर, को पीएसबी ने चोकसी को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (सीबीआई) ने पिछले गुरुवार को कोर्ट से चोकसी को पीएनबी घोटाले में भगोड़ा घोषित करने का आग्रह किया था।
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सीबीआई ने तर्क दिया था कि चोकसी गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) का जवाब
देने में विफल रहा है, इसके चलते उसे भगोड़ा घोषित करने और उसकी संपत्ति को
अटैच करने की इजाजत दी जाए। मेहुल चोकसी करीब 13 हजार करोड़ रुपए के
पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी ज्वैलर नीरव मोदी का मामा है। इस घोटाले का
खुलासा जनवरी 2018 में हुआ था। मेहुल ने खुलासे से पहले ही नवंबर 2017 में
कैरिबियाई द्वीप एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली थी।