जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में भव्य संगीत समारोह का आयोजन

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 12 अक्टूबर 2019, 2:32 PM (IST)

जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर में शहर के भीड़भाड़ से दूर एक ऊंची पहाड़ी पर मेहरानगढ़ का किला बसा है। 15वीं शताब्दी में एक राजपूत राजघराने के शासनकाल में इस भव्य किले का निर्माण किया गया था जो आज एक संगीत समारोह का गढ़ है जो राज्य की लोक संगीत की परंपरा को आज भी विश्व के सामने बनाए हुए हैं। मेहरानगढ़ किले को जोधपुर की शान भी कहा जाता है।

जोधपुर आरआईएफएफ (राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल), एक पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 14 अक्टूबर तक इसके विभिन्न भागों में किया जा रहा है, जो राठौड़ राजवंश की स्थिति व इसके आधार को जीवंत करता है जिसके वर्तमान प्रमुख महाराजा गज सिंह द्वितीय हैं। वे इस कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक भी हैं। इस 500 मीटर लंबे किले का निर्माण राव जोधा द्वारा किया गया था जिनका शासनकाल 1438-89 तक रहा।

इनके बाद इन्हीं के नाम पर जोधपुर शहर का नाम रखा गया। हर साल इस संगीत समारोह के दौरान भोर होने के बाद जब यह किला सूरज की रोशनी से जगमगा उठता है तो किले में चारों ओर मारवाड़ के मेघवाल जैसे राजस्थानी लोक संगीतकारों की धुनें गूंजने लगती है। ये (मारवाड़ के मेघवाल) पारंपरिक रूप से बुनकर होते हैं, लेकिन साथ ही साथ ये लोक साहित्य से भी समृद्ध है जिन्हें वे काफी लंबे समय से आज तक संजोए हुए हैं।

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अपने 12 संस्करण में इन लोकगीतों के साथ देश के समृद्ध भक्ति कविताओं का भी मंचन किया जाएगा यानि कि राजस्थान के निर्गुणी गीत। ऐसे में यहां आने वाले आगंतुकों को राजस्थान की मिट्टी का अनुभव प्राप्त हो सकेगा।

दोपहर होने के साथ-साथ किले में और भी कई तरह के उत्सव का आयोजन किया जाता है जिन्हें कार्यशालाओं और संरक्षणों के माध्यम से जोधपुर आरआईएफएफ से जुड़े समुदायों द्वारा दर्शाया जाता है जिनमें छंग नृत्य, डेरुन नृत्य और तेरह ताली नृत्य के साथ-साथ भील जनजाति के दो पारंपरिक प्रदर्शन गवरी (म्यूजिकल स्ट्रीट थिएटर) और आंगी-बांगी गैर (डांडिया के माध्यम से एक नृत्य प्रदर्शन) भी शामिल है।

इस बार कार्यक्रम में राजस्थानी और आयरिश संगीतकारों का एक मेलबंधन भी दिखने को मिलेगा। इसके साथ ही सेनेगल से बोलाके सिसोको, स्विट्जरलैंड से ऑथेंटिक लाइट ऑरकेस्ट्रा (म्यूजिकल ग्रुप) और प्रख्यात डुडुक वादक इमैनुएल होवनहिस्यान भी इसमें शामिल होंगे।

समारोह की निदेशक दिव्या भाटिया ने आईएएनएस को बताया, हम इससे अच्छे जगह की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। वास्तव में, कार्यक्रम के प्रभाव को देखने के बाद कई और महलों और हवेलियों को भी अंतर्राष्ट्रीय संगीत समारोहों के लिए खोल दिया गया है।

(IANS)