कश्मीर मुद्दे पर चीन को भारत की दो टूक: आंतरिक मामले पर अन्य देश नहीं अड़ायें टांग

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 09 अक्टूबर 2019, 10:58 PM (IST)

नई दिल्ली। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ( Xi Jinping) और पाकिस्तानी पीएम इमरान खान (Imran Khan) के कश्मीर पर चर्चा करने की खबरों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने बुधवार को कहा कि कश्मीर मुद्दे (Kashmir issues) पर भारत के रूख से चीन ‘अच्छी तरह से अवगत’ है और किसी भी अन्य देश को इस पर बोलने का अधिकार नहीं है।

भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया शी चिनफिंग ( Xi Jinping) और इमरान खान (Imran Khan) के बीच एक बैठक में कश्मीर पर चर्चा होने के बारे में चीनी सरकारी मीडिया में खबर आने के बाद आई है। खबर के अनुसार बैठक में शी ने इमरान खान से कहा कि कश्मीर में स्थिति की चीन निगरानी कर रहा है और उसने आशा जताई कि 'संबद्ध पक्ष' शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए कश्मीर मुद्दे का हल कर सकते हैं।

बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने बुधवार को पेइचिंग में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ( Xi Jinping) से मुलाकात की। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक चिनफिंग ने कहा कि वह कश्मीर की स्थिति को देख रहे हैं और पाकिस्तान के हितों से जुड़े मुद्दों पर उसका समर्थन करेंगे। कश्मीर पर चीन की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई जब शी चिनफिंग शुक्रवार को ही अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए भारत आने वाले हैं।

शी चिनफिंग ( Xi Jinping) का शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर बैठक होने का कार्यक्रम है। चीनी राष्ट्रपति ने इमरान खान को एक बैठक के दौरान भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय हालात में बदलावों के बावजूद चीन और पाकिस्तान के बीच मित्रता अटूट तथा चट्टान की तरह मजबूत है। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा पांच अगस्त को रद्द करने के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ने के बीच खान ने चीन यात्रा की है।

शी चिनफिंग ( Xi Jinping) ने उम्मीद जताई कि 'संबंधित पक्ष' शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए इस मामले को सुलझा सकते हैं। शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए इस सप्ताह भारत की यात्रा करेंगे। शी ने खान को यहां एक बैठक में भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में बदलाव के बावजूद चीन और पाकिस्तान की मित्रता 'अटूट और चट्टान जैसी मजबूत' है।

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इमरान खान (Imran Khan) ऐसे समय में चीन की यात्रा पर यहां पहुंचे हैं जब पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है।शी ने यहां सरकारी अतिथिगृह में खान से मुलाकात के दौरान कहा कि वह नए दौर में साझे भविष्य वाला चीन-पाकिस्तान समुदाय स्थापित करने की खातिर पाकिस्तान के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं।

सरकारी 'चाइना ग्लोबल टेलीविजन नेटवर्क' (सीजीटीएन) ने कहा, 'राष्ट्रपति शी ने भरोसा दिलाया कि चीन कश्मीर में हालात पर नजर रखे हुए है।' चैनल के अनुसार शी ने खान से कहा, 'चीन पाकिस्तान के जायज हितों की रक्षा के लिए उसका समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि संबंधित पक्ष शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए विवाद सुलझा सकते हैं।'

चैनल के अनुसार खान ने '(कश्मीर में) हालात को और खराब होने और नियंत्रण में बाहर होने से रोकने के लिए और प्रयास किए जाने की अपील की।' खान ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर पर चीन के वस्तुनिष्ट नजरिए की बहुत कद्र और सराहना करता है।शी ने चीन और पाकिस्तान को सदा के लिए एक रणनीतिक सहयोग वाला साथी बताया और कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में क्या बदलाव आ रहे हैं, चीन और पाकिस्तान के बीच की मित्रता हमेशा अटूट और चट्टान की तरह मजबूत है। चीन और पाकिस्तान के बीच हमेशा से जीवंत सहयोग बना रहा है।'

इमरान खान (Imran Khan) पिछले वर्ष अगस्त माह में प्रधानमंत्री बने थे, उसके बाद से उनका यह तीसरा चीन दौरा है। उनका यह दौरा इस मायने में महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए 11 -12 अक्टूबर 2019 को भारत जा रहे हैं। शिखर वार्ता चेन्नई के समीप प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में होगी।

बीजिंग इस्लामाबाद का पुराना सहयोगी है। उसने कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान का समर्थन किया। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा था, 'ऐसा कोई एकतरफा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे यथास्थिति में परिवर्तन आता हो।' हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग (Geng Shuang) ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर मामले का समाधान भारत और पाकिस्तान को आपसी बातचीत से निकालना होगा। उसका यह रुख संयुक्त राष्ट्र तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) के प्रस्तावों में उसके हाल के संदर्भों से अलग है।

शुआंग की टिप्पणी कश्मीर को लेकर चीन के हाल के रुख में आए उल्लेखनीय बदलाव को दिखाती है।भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट शब्दों में यह कह दिया है कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों और इसके तहत जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करना उसका आतंरिक मामला है। भारत ने कहा है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा (Bilateral issue) है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।

इमरान खान (Imran Khan) से मुलाकात के दौरान शी ने कहा कि पाकिस्तान को बेहतर बनाने और उसके तेज विकास में चीन वाकई मदद देना चाहता है। शिन्हुआ के मुताबिक शी ने कहा कि चीन और पाकिस्तान में साझा समर्थन और सहायता की परंपरा है।उन्होंने कहा कि जब चीन परेशानी में था तब पाकिस्तान ने उसे नि:स्वार्थ सहायता दी। अब चीन विकसित हो गया है, ऐसे में वह वास्तव में पाकिस्तान की मदद करना चाहता है ताकि वह तेजी से विकास करे। इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक खान ने कश्मीर मुद्दे पर शी और चीन की सरकार द्वारा ‘‘सिद्धांतों के अनुरूप रुख’’ अपनाने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।
इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि चीन ने मुश्किल वक्त में पाकिस्तान का साथ दिया।प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक प्रधानमंत्री खान ने देश के वर्तमान हालात के बारे में शी को जानकारी दी। उन्होंने साथ ही बताया कि मुश्किल आर्थिक हालात से पाकिस्तान उबर गया है।उन्होंने कहा, ‘‘ इस संबंध में हम चीन के वित्तीय सहयोग को कभी नहीं भूलेंगे।’’ साथ ही यह भी कहा कि चीन ने पाकिस्तान को बिना किसी शर्त के मदद दी है। इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान को बहुत मुश्किल हालात से निकलने में मदद दी है। उन्होंने 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत चीन के समर्थन की सराहना की। खान ने मंगलवार को यहां अपने समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात की।