सिंगल यूज्ड प्लास्टिक को दें हमेशा के लिए तिलांजलि : एडीसी

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 02 अक्टूबर 2019, 6:42 PM (IST)

पंचकूला। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं व लाल बहादुर शास्त्री की 116वीं जयंती के अवसर पर पंचकूला जिले को सिंगल यूज्ड प्लास्टिक से मुक्त करवाने का अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत जिले के सभी गांवों में और नगर निगम तथा नगर पालिका क्षेत्रों में पोलिथीन हटाओ अभियान शुरू किए गए, जिसमें स्थानीय लोगों विशेषकर युवाओं और बच्चों के श्रमदान द्वारा पोलिथीन और सिंगल यूज्ड प्लास्टिक को इकट्ठा किया गया।

इसी कड़ी में अतिरिक्त उपायुक्त मनीता मलिक की अध्यक्षता में पिंजौर के गांव चिकन में प्लास्टिक मुक्त अभियान के अवसर पर अधिकारियों और ग्रामीणों ने गांव मे घर-घर जाकर ग्राम पंचायत के सदस्यों एवं स्वयं सहायता समूहों और स्कूल के स्टाफ के साथ मिलकर सिंगल यूज्ड प्लास्टिक और पोलिथीन को इकट्ठा किया। सभी ने मिल कर एक क्विंटल सिंगल यूज्ड प्लास्टिक इकट्ठा किया। पूरे गांव से सिंगल यूज्ड प्लास्टिक को एक जगह इकट्ठा किए जाने के पश्चात चिकन गांव की कुछ अलग ही सूरत देखने को मिली। सिंगल यूज्ड प्लास्टिक को इकट्ठा करने से पहले और इकट्ठा करने के बाद आए फर्क को दिखाते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ने ग्रामीणों को बताया कि वे प्रत्यक्ष तौर पर इसका फर्क देख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सिंगल यूज्ड प्लास्टिक ने हमारे गांवों और परिवेश को बदरंग और बदसूरत बना दिया है। सिर्फ एक दिन के श्रम से ही गांव की अलग ही छटा देखने को मिलती है। उन्होंने कहा कि यह अभियान पंचकूला जिले के प्रत्येक गांव में और नगर निगम के प्रत्येक गली-मोहल्ले में चला हुआ है। यदि सभी जगहों से पोलिथीन हट जाता है तो हमारे गली-मोहल्लों और गांव-देहात की अलग की छटा देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज्ड प्लास्टिक को हम आज इकट्ठा इसलिए कर रहे हैं कि ये आखरी बार हो और हम इसके प्रयोग की आदत से स्वयं को मुक्त कर लें। यह अधिक कठिन नहीं है। पूर्व में भी हमारे बुजुर्ग बाजार से सामान लाने के लिए कपड़े और जूट के थैले का प्रयोग करते थे। इस प्रकार के सभी कैरीबैग वातावरण के लिए अत्यंत सुरक्षित हैं और सामान ढोने के लिए सुगम हैं।

उन्होंने कहा कि भले ही हम पोलिथीन को सुविधाजनक मानते हों परंतु इसका प्रयोग अत्यंत हानिकारक है और इसमें रखा सामान भी सुरक्षित नहीं है। प्लास्टिक की थैलियों से कैंसर जैसे खतरनाक रोक उत्पन्न होते हैं और इसे नष्ट करना भी आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि हम एक ही दिन में एक ही घंटे में प्रत्यक्ष तौर पर इसका फर्क देख सकते हैं। हमें अपने गांवों, शहरों और परिवेश पर यदि रहम करना है तो प्लास्टिक को तिलांजलि देनी होगी। जिने में प्रत्येक व्यक्ति ये ठान ले कि वो आज अंतिम बार प्लास्टिक का प्रयोग कर रहा है और वो भी उसे एक जगह इकट्ठा करने के लिए। इस अवसर पर उन्होंने गांव वासियों मे कपड़े के बैग भी वितरित किए।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे