टेलीफोन पर बैन नहीं, कश्मीर में 41000 लोगों की मौत है मानवाधिकार उल्लंघन : शाह

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 29 सितम्बर 2019, 1:08 PM (IST)

नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) ने कहा है कि बहुत सारी भ्रांतियां और गलतफहमियां अनुच्छेद 370 और कश्मीर के बारे में आज भी फैली हुई हैं, उनका स्पष्ट होना जरूरी है। जितना स्पष्ट कश्मीर की जनता के सामने होना जरूरी है उतना स्पष्ट भारत की जनता में भी होना जरुरी है। यह बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में संकल्प पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच की पांचवीं वार्षिक व्याख्यान माला को संबोधित करते हुए कही।

अमित शाह ने कहा कि कश्मीर का इतिहास तोड़-मरोड़कर देश के सामने रखा गया। क्योंकि जिनकी गलतियां थीं उनके हिस्से में इतिहास लिखने की जिम्मेदारी आई। उन्होंने अपनी गलतियों को सील्ड करके जनता के सामने रखा। अब समय आ गया है इतिहास सच्चा लिखा जाए और सच्ची जानकारी जनता के सामने रखी जाए।


गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में कोई पाबंदी नहीं है, ये लोगों के दिमाग में है, कश्मीर में मौजूद 196 पुलिस थानों में से हर जगह से कर्फ्यू हटा ली गई है। धारा-144 के तहत सिर्फ 8 पुलिस थानों में प्रतिबंध लागू है। अमित शाह ने कहा कि टेलीफोन सेवा का न होना मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है, लेकिन इतने सालों में 41 हजार लोगों का मारा जाना मानवाधिकार का उल्लंघन है।

गृहमंत्री ने कहा कि सबसे पहले जब देश आजाद होता है तो उसके सामने सुरक्षा का प्रश्न, संविधान बनाने का प्रश्न ऐसे कई प्रकार के प्रश्न होते हैं। पर हमारे सामने 630 रियासतों को एक करने का प्रश्न आ गया।


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गृहमंत्री ने कहा कि आज मैं आदर के साथ देश के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को प्रणाम करके ये बात कहना चाहता हूं कि वो न होते तो ये काम कभी न होता। 630 अलग-अलग राज्य एक खंड के अंदर समाहित करना और अखंड भारत बनाना ये हमारे लिए बहुत बड़ा चुनौती का काम था। सरदार पटेल की ही दृढ़ता का परिणाम था कि 630 रियासतें आज एक देश के रूप में दुनिया के अंदर अस्तित्व रखती है।