Chandrayaan 2 : NASA के मून ऑर्बिटर ने ली कई फोटो, जगी विक्रम लैंडर के लिए अंतिम उम्मीद!

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 19 सितम्बर 2019, 6:59 PM (IST)

नई दिल्ली। सात सितंबर को चंद्रयान-2 के विक्रम मॉड्यूल का चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास तय योजना के मुताबिक पूरा नहीं हो पाया था। लैंडर का आखिरी क्षण में जमीनी केंद्रों से संपर्क टूट गया था। हालांकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में मौजूद है और 7.5 साल तक अपना काम करता रहेगा।

आपको बता दें कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की समय सीमा जल्द ही पूरी होने वाली है। इस बीच एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि नासा के मून ऑर्बिटर ने चांद के उस क्षेत्र की तस्वीरें ली हैं जहां पहुंच चंद्रयान-2 से भारत का संपर्क टूट गया था।

नासा के एक वैज्ञानिक ने बताया किनासा ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (एलआरओ) की सहायता से 17 सितंबर को कई फोटो ली हैं। नासा फिलहाल इन फोटो का विश्लेषण कर रहा है। इसी क्षेत्र में मिशन विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन सिर्फ दो किलोमीटर पहले ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का संपर्क टूट गया था।


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विक्रम से संपर्क साधने की संभावना 21 सितंबर तक ही है। इसके बाद चांद के उस क्षेत्र में अंधेरा हो जाएगा। एलआरओ के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन केलर ने यह पुष्टि की है कि ऑर्बिटर के कैमरे ने तस्वीरें ली हैं। एलआरओ की टीम इनकी तुलना पुरानी फोटो से करेगी और विश्लेषण करेगी कि विक्रम दिखाई दे रहा है या नहीं। ये इमेजेज तब ली गईं जब ऑर्बिटर चांद के दक्षिणी ध्रुव से गुजर रहा था। उस समय वहां अंधेरा होना शुरू हो गया था। जहां पर विक्रम गिरा था, वहां फिलहाल शाम है। 21 सितंबर के बाद वहां सूरज की रोशनी नहीं पड़ेगी और रात हो जाएगी।