बेंगलुरु। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh ) ने आज बेंगलुरु में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में सवार होकर उड़ान भरी। ये देश के पहले रक्षा मंत्री हैं जो स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी हैं। राजनाथ सिंह करीब आधे घंटे तेजस विमान में ही रहकर वापस लौट आए । 3 साल पहले ही तेजस को वायु सेना में शामिल किया गया था। अब तेजस का अपग्रेड वर्जन भी आने वाला है।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि तेजस में उड़ान भरना बेहद शानदार अनुभव रहा। इसके लिए उन्होंने HAL, DRDO और दूसरे एजेसियों को बधाई दी। रक्षा मंत्री ने कहा कि अब हम ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं जहां से हम इसे दुनिया भर में निर्यात भी कर सकते हैं।
आपको बताते जाए कि तेजस हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) ने तैयार किया है। 83 तेजस विमानों के लिए एचएएल को करीब 45 हजार करोड़ रुपए मिलेंगे।
आपको बताते जाए कि 3 साल पहले ही तेजस को वायु सेना में शामिल किया गया था। अब तेजस का अपग्रेड वर्जन भी आने वाला है। तेजस ने अपनी पहली उड़ान 4 जनवरी 2001 को भरी थी। यह एक स्वदेशी मल्टीरोल फाइटर जेट है।
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तेजस बनाने मुख्य कारण...
कभी देश की शान रहे मिग-21
विमान अब पुराने हो गए हैं। इनकी वजह से एयरफोर्स के करीब 43 जवान शहीद
हो गए हैं। इसलिए इन्हें फ्लाइंग कॉफिन भी कहते हैं। देश में पिछले 45 साल
में करीब 465 मिग विमान गिर गए हैं। वो भी दुश्मन से बिना लड़े। जंग के
मैदान में तो सिर्फ 11 मिग विमान ही गिरे हैं। नए विमान की जरूरत देश को
पड़ेगी, इसकी तैयारी 1980 में ही प्रारंभ कर दी थी। करीब, दो दशकों की
तैयारी और विकास के बाद 4 जनवरी 2001 को तेजस ने अपनी पहली उड़ान भरी थी।