नई दिल्ली। यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (UFTA) ने ट्रेफिक नियम संशोधन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के खिलाफ आज एक दिन के हड़ताल पर है। इसके मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर में लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रैफिक नियमों में बढ़े जुर्माने के खिलाफ ट्रांसपोर्ट्स यूनियन ने हड़ताल रखी है। यह हड़ताल सुबह छह बजे प्रारंभ हो गई है रात दस बजे तक रहेगी। मतलब आज दिल्ली में न तो टैक्सी चल रही है और न ही ऑटो। ट्रक वालों ने भी अपनी गाड़ी पार्क ही रखने का निर्णय किया। इस हड़ताल का असर सुबह से ही दिखाई देने लगा था।
दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर टैक्सी और ऑटो चालकों ने सवारी ले जाने वाले वाहनों को जबरदस्ती रोक लिया गया। इसके कारण काफी देर तक हंगामा हो गया। इसके बाद में यात्रियों को गाड़ियों से उतार दिया गया।
हालांकि, हड़ताल की स्थिति में दिल्ली-एनसीआर के लोग मेट्रो की सवारी कर अपने गंतव्य स्थल तक पहुंच रहे हैं। यातायात की परेशानी से बचने के लिए कई स्कूल ने बंद रखने का निर्णय लिया है। हालांकि स्कूल को बंद रखने के विषय में सरकार ने कोई सलाह या आदेश जारी नहीं किया है।लेकिन प्राइवेट ऑपरेटरों के जरिए बसों की अनुपलब्धता के कारण स्कूलों को बंद करने की घोषणा कर दी है।
नए मोटर व्हीकल एक्ट का देश भर के अलग-अलग प्रदेशों में भी विरोध हो रहा है। राज्य सरकारें भी इसे पूरी तरह से लागू करने से हिचक रही हैं। हड़ताल का आह्वान करने वाले संगठन यूएफटीए में ट्रक, बस, ऑटो, टेम्पो, मेक्सी कैब और टैक्सियों का दिल्ली/एनसीआर में प्रतिनिधित्व करने वाले 41 यूनियन और संघ शामिल हो गए हैं। इसके बाद लोगों का यातायात में काफी परेशानियों काे सामना करना पड़ रहा है।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दिल्ली-एनसीआर में प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की करीब 24000 कॉन्ट्रैक्ट
कैरिज की बसें चलती हैं और इन बसों से लोग नोएडा, गुड़गांव, गाजियाबाद,
बहादुरगढ़, मेरठ,पानीपत तक का सफर करते हैं। नेहरू प्लेस में अपने ऑफिस
जाने वाले भी बड़ी संख्या में इन बसों का प्रयोग किया जाता है। कॉन्ट्रैक्ट
कैरिज की बसें नहीं चलने से लोगों को अपने ऑफिस जाने के लिए मुश्किल हो
रही है। इसका असर मेट्रो-डीटीसी की बसों में नजर आ रहा है।
यह हडताल सुबह छह बजे से प्रारंभ हो गई है। यह हडताल रात दस बजे तक होगी। दिल्ली में 90 हजार ऑटो और करीब 10 हजार काली-पीली टैक्सियां चलती
हैं। ऑटो- टैक्सी की प्रमुख यूनियन इस हड़ताल के समर्थन में आ गई है। इसके
अलावा दिल्ली में 900 आरटीवी, 6153 ग्रामीण सेवा, 600 से ज्यादा इको
फ्रेंडली गाड़ियां, 700 फटफट सेवा, 141 मैक्सी कैब चलती हैं। इस हड़ताल का
असर इन गाड़ियों पर भी नजर आ रहा है। ये गाड़ियां ज्यादातर बाहरी दिल्ली और
ग्रामीण इलाकों में चलती हैं और लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए काफी अहम
हैं।