नई दिल्ली। कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह इस मामले पर पूरी दुनिया से अलग-थलग पड़ चुका है। उसके नेता आए दिन उलटे-पुलटे बयान देकर लोगों का ध्यान खींचना चाहते हैं, लेकिन पाकिस्तान को फजीहत झेलने के साथ मुंह की खानी पड़ती है। अब एक बार फिर प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मुद्दे पर बयान दिया है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इमरान ने कहा है कि भारत के साथ तब तक कश्मीर पर कोई बातचीत नहीं होगी, जब तक कफ्र्यू को हटाया नहीं जाता है। उन्होंने कश्मीर में कर्फ्यू की बात करते हुए भारत के साथ द्विपक्षीय बातचीत की संभावना खारिज कर दी।
इस बीच, पाकिस्तान में सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल संघीय गृह मंत्री से मिला और सिंध के घोटकी में हुए हिंदू विरोधी दंगे की जांच की मांग की। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, संघीय गृह मंत्री ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) एजाज अहमद शाह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि उनका मंत्रालय घोटकी के दंगे की जांच में पूरी तरह से समन्वय करेगा।
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उधर, संसद में भी दंगे का मुद्दा उठाया गया और सांसदों ने अल्पसंख्यकों की
सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता
ख्वाजा आसिफ ने कहा कि घोटकी की घटना को लेकर हिंदू समुदाय में व्यापक
चिंता है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया
कराएं। वे वफादार पाकिस्तानी हैं। उन्होंने कहा कि एक स्पष्ट संदेश दिया
जाना चाहिए कि उनकी सुरक्षा हमारा कर्तव्य है और संसद इस पर अमल करेगी।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री एम. अली खान ने कहा कि सरकार की निगाह में सभी
पाकिस्तानी बराबर हैं। संघीय सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार है
लेकिन घोटकी का मामला सिंध की प्रांतीय सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता
है। सांसद जयप्रकाश ने कहा कि जिस शिक्षक पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया, वह
बीते तीस साल से स्कूल चला रहे हैं जबकि एक 14 साल के छात्र के आरोप पर
उनके खिलाफ मामला दर्ज हो गया।