आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषक व्यंजनों संबंधित जानकारियां देने के निर्देश

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 16 सितम्बर 2019, 8:37 PM (IST)

चंडीगढ़। हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने गर्भवती महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों में एनीमिया की कमी को दूर करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने और स्कूलों व आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषक व्यंजनों संबंधित जानकारियां देने के निर्देश दिए हैं। अरोड़ा ने यह निर्देश आज यहां पोषण अभियान के तहत राज्य अभिसरण समिति की बैठक के दौरान दिए।

केशनी आनन्द अरोड़ा ने कहा कि स्कूलों में होने वाली पेरैंट टीचर्स मीटिंग के दौरान माता-पिता को एनिमिया की जानकारी और पोषक आहार से संबंधित पैम्फलेट दिए जाएं। उन्होंने कहा कि बच्चों को आयरन से भरपूर हरी सब्जियों की ओर आर्कषित करने के लिए प्ले कार्ड बनाएं जाएं और बच्चों को खेल-खेल में सब्जियों के गुणों की जानकारी देकर इन्हें खाने के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा, पोषक आहार से संबंधित पैम्फलेट और पोस्टर को स्वयं सहायता समूहों में कार्य करने वाली महिलाओं तक पहुंचाया जाए ताकि ये जानकारी हर घर तक पहुंच सके। उन्होंने समुदाय में व्यवहारिक परिवर्तन लाने के लिए सम्बंधित विभागों के समन्वय से विभिन्न गतिविधियां आयोजित किए जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि स्कूलों में मिलने वाले मिड-डे-मिल तथा आंगनवाड़ी केंद्रों में दिए जाने वाले भोजन में ओर अधिक पोषक व्यंजनों को शामिल किया जाए। अध्यापिकाओं और आंगनवाड़ी वर्कर्स को भी पोषण युक्त भोजन संबंधी ट्रेनिंग दी जाए। उन्होंने स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में पेयजल एवं शौचालयों में पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 6 माह से 2 साल तक के बच्चों में पोषक तत्वों की आवश्यकताओं के बारे में माताओं को जागरूक किया जाए। अरोड़ा ने प्रदेश के 3 गांवों में पायलट आधार पर एनीमिया के कारणों का पता लगाने के लिए स्टडी करवाने के भी निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि इस वर्ष सितंबर माह को पोषण माह के रुप में मनाया जा रहा है, जिसके तहत पांच महत्वपूर्ण घटकों, अर्थात बच्चों के पहले 1,000 दिन, एनीमिया, डायरिया, हाथ धोना और स्वच्छता और पौष्टिक आहार पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। इस महीने के दौरान शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में जन आंदोलन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि 0-6 वर्ष के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं तक स्वास्थ्य और पोषण संबंधी सेवाओं का विस्तार किया जा सके।

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की भी समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत हरियाणा देश में चौथे स्थान पर है। इस योजना के तहत अब तक 3,01,096 लाभार्थियों को लगभग 126 करोड़ 84 लाख रुपये सीधे उनके खाते में दिए गए हैं जोकि केंद्र सरकार के लक्ष्य का 107 प्रतिशत है।

बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव महावीर सिंह, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, श्रम विभाग के प्रधान सचिव विनीत गर्ग, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव दीप्ति उमाशंकर, स्वास्थ्य विभाग की सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अमनीत पी. कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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