राम जेठमलानी के निधन पर राष्ट्रपति, मोदी सहित इन नेताओं ने ये कहा...

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 08 सितम्बर 2019, 12:00 PM (IST)

नई दिल्ली। देश के मशहूर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी (Ram Jethmalani ) के निधन से देश में शोक में डूब गया है। लंबे समय से बीमार राम जेठमलानी ने 95 साल की उम्र में दिल्ली में अपने निवास पर आखिरी सांस ली। इनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित इन दिग्गज हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है और श्रद्धांजलि दी है।

पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राम जेठमलानी जी के निधन से भारत ने एक असाधारण वकील और प्रतिष्ठित सार्वजनिक व्यक्ति को खो दिया है, जिन्होंने न्यायालय और संसद दोनों में समृद्ध योगदान दिया। वह मजाकिया, साहसी और कभी भी किसी भी विषय पर अपनी बात रखने नहीं कतराते थे।

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जेठमलानी के निधन पर शोक व्यक्ति करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक अनुभवी वकील राम जेठमलानी के निधन से मुझे दुख पहुंचा है। वह अपनी विशिष्ट वाक्पटुता के साथ सार्वजनिक मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए जाने जाते थे। राष्ट्र ने एक प्रतिष्ठित न्यायविद्, महान क्षोभ और बुद्धिमान व्यक्ति खो दिया है। दिल्ली में राम जेठमलानी को उनके भर पहुंचकर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने श्रद्धांजलि दी।

गृहमंत्री अमित शाह ने राम जेठमलानी को उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश के मशहूर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी जी के निधन की खबर सुनकर गहरी पीड़ा हुई। उनके निधन से हमने न सिर्फ एक प्रतिष्ठित वकील खोया है, बल्कि एक महान व्यक्तित्व को भी खो दिया है।

कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने ट्वीट कर कहा कि राम जेठमलानी और मुझमें एक बेहतर कमेस्ट्री थी। उम्र में अंतर होने के बावजूद हम 25 प्रतिशत मुद्दों पर एक दूसरे से सहमत हुए। मुद्दों ने कभी भी हमारे बीच के प्यार और भाईचारे को प्रभावित नहीं किया। मैं अक्सर उन्हें यह कहकर उकसाता था कि देश में कोई भी ऐसी पार्टी नहीं है, जो उन्हें राज्यसभा में रहने के लिए दशकों तक भेज सके।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा कि अपने आप में एक संस्था, उन्होंने स्वतंत्रता के बाद के भारत में आपराधिक कानून को आकार दिया। उसका शून्य कभी नहीं भरा जाएगा और उसका नाम कानूनी इतिहास में सुनहरे शब्दों में लिखा जाएगा।