नई दिल्ली। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का शुक्रवार देर रात चंद्रमा की सतह पर उतरते समय इसरो से संपर्क टूट गया। वहीं 2379 किलोग्राम के चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है। हालांकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की उम्मीदें अभी बनी हुई हैं। वैज्ञानिकों के हौसले बुलंद हैं। इसरो चीफ के. सिवन ने डीडी न्यूज से विशेष बातचीत में साफ कहा कि लैंडर से दोबारा संपर्क साधने की कोशिश की जा रही है।
सिवन ने बताया कि लैंडर विक्रम से दोबारा संपर्क बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन 95 फीसदी सफल रहा है। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर 7.5 साल तक काम कर सकता है। गगनयान समेत इसरो के सारे मिशन तय समय पर पूरे होंगे। दुनियाभर के अंतरिक्ष समर्थकों और शोधकर्ताओं ने भी इसरो और इसके 16000 से अधिक वैज्ञानिकों द्वारा भारत के चंद्र मिशन को करीब-करीब पूरा कर लेने के प्रयासों की तारीफ की है।
नक्षत्र प्रचारक और वैज्ञानिक एमिली लकड़ावाला ने एक पोस्ट में कहा कि लोगों के लिए यह बस एक चेतावनी है कि लैंडर को सतह पर लाने के प्रयास में लगे भारत ने चंद्रमा के कक्ष में अपना दूसरा अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक भेज दिया है। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर एक साल तक वहां रहेगा। लैंडर मात्र दो सप्ताह तक ही चलता।
नासा स्पेसफ्लाइट के लिए लिखने वाले क्रिस जी-एनएसएफ ने कहा कि अगर विक्रम सतह पर उतरने में विफल हुआ है, जैसा कि लगता है, तो याद रखें कि वहां ऑर्बिटर अभी है, जहां से 95 प्रतिशत प्रयोग हो रहे हैं। ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्ष में सुरक्षित है और अपने मिशन को पूरा कर रहा है। यह पूरी तरह से असफलता नहीं है। बिल्कुल भी नहीं।
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एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के स्पेस टेक्नोलॉजी एंड साइंस इनिशिएटिव में
रिसर्च डायरेक्टर और साइंस इनिसिएटीव और मार्स ऑपोच्र्यूनिटी रोवर टीम की
सदस्य डॉ. तान्या हैरिसन ने कहा, मिशन कंट्रोल में बहुत सारी महिलाओं को
देखकर बहुत अच्छा लगा! वहीं ऑस्ट्रेलियाई स्पेस एजेंसी ने ट्वीट किया,
लैंडर विक्रम, चंद्रमा पर अपने मिशन को साकार करने में कुछ ही किलोमीटर की
दूरी पर था।
इसरो हम आपके प्रयासों और अंतरिक्ष में यात्रा जारी रखने की
आपकी प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं। वहीं अमेजॉन के संस्थापक जेफ बेजोस
ने पहले ही एक पोस्ट कहा था, टीम इंडिया के साथ। शुभकामनाएं, भारत! विक्रम
ने अपने कई चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था और अपनी नियोजित गति के
साथ ही सही तरह से सतह पर उतर रहा था, तभी लैंडर अपने निर्धारित पथ से
थोड़ा हट गया और अचानक उससे इसरो का संपर्क टूट गया।
इस बीच, इसरो प्रमुख
के. सिवन भावुक हो गए, जिस पर प्रधानमंत्री ने उन्हें गले लगाते हुए
सांत्वना दी और टीम के प्रयासों की सराहना की। मोदी के इस कदम की तारीफ
करते हुए भारत में इजरायल के पूर्व दूत डैनियल कार्मन ने इसरो की सराहना
करते हुए ट्वीट किया, क्या पल है। क्या भावना है!