अधिकार संपन्न है विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र, 18 जिलों में पहली बैठक संपन्न : उद्योग मंत्री

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 05 सितम्बर 2019, 5:38 PM (IST)

जयपुर। उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि राज्य व जिला स्तर पर विकसित विवाद व शिकायत निवारण तंत्र को अधिकार संपन्न बनाया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के आदेश जारी होते हुए यह तंत्र सक्रिय हो गया है और 18 जिला उद्योग केन्द्रों द्वारा जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक आयोजित कर डीआरएम को गतिशील बना दिया है। 15 सितंबर तक शेष सभी जिला उद्योग केन्द्रों द्वारा इस समिति की बैठक आयोजित कर ली जाएगी।

उद्योग मंत्री मीणा ने बताया कि जन घोषणा पत्र की क्रियान्विति में राज्य की विद्यमान एवं नई स्थापित होने वाली सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं वृहद स्तर की मैन्यूफेक्चरिंग एवं सेवा इकाइयों के संचालन एवं निवेश में आने वाली कठिनाइयों के त्वरित निस्तारण के लिए विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र (डिस्पुट रिड्रेसल मैकेनिज्म) विकसित किया गया है।

मीणा ने बताया कि जिला स्तरीय समिति में जिले में नए निवेश या विद्यमान उद्यमों से संबंधित जिला स्तरीय कार्यालयों में लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर निस्तारण करने और असामान्य रुप से लंबित होने की स्थिति में संबंधित विभाग की पत्रावली का अवलोकन कर सुसंगत अभिषंशा का अधिकार भी दिया गया है। इसके साथ ही उद्यम की स्थापना व संचालन में व्यवधान करने वाले कार्मिकों के विरुद्ध सक्षम स्तर पर अनुशासनात्मक कार्यवाही कराने का भी अधिकार है। उद्यमों के बीच आवसी विवादों को भी लोक अदालत की तरह निपटाया जा सकेगा। इसी तरह से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति जिला स्तर पर विलंबित प्रकरणों की समीक्षा के साथ ही जिला स्तरीय समिति के निर्णयों की अपीलीय प्राधिकरण के रुप में सुनवाई कर निर्णय कर सकती है। निवेश व उद्यम संचालन में आने वाली कठिनाइयों के निराकरण के साथ ही सरलीकरण और नवाचारों को प्रोत्साहित करने का कार्य भी किया जा सकेगा।

अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य व जिला स्तरीय समितियाें में सभी संबंधित विभागों, बैकर्स समिति और उद्योग संघों के प्रतिनिधियों की सहभागिता होने से डीआरएम सिस्टम उद्यमियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने बताया कि सभी जिला उद्योग केन्द्रों को निर्देशित किया गया है कि जिला कलक्टर की अध्यक्षता में समिति की बैठक आवष्यक रुप से 15 सितंबर तक आयोजित कर लें ताकि इस माह के अंत तक मुख्य सचिव की अण्क्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की जा सके।

आयुक्त उद्योग डॉ. पाठक ने बताया कि डीआरएम की खास बात यह है कि कोई भी उद्यमी अपनी शिकायत या परिवाद पोर्टल पर निर्धारित प्रपत्र में ऑनलाईन व ऑफलाईन दाखिल कर सकता है। उन्होंने बताया कि डीआरएम को संभागीय स्तर पर उद्यमियों और प्रशासन के बीच समंवय का माध्यम बनाने से जिले के औद्योगिक विकास में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका तय हो सकेगी।

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