व्लादिवोस्तोक (रूस)। जम्मू एवं कश्मीर में हस्तक्षेप करने के पाकिस्तानी आग्रह को रूस ने खारिज कर दिया था, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का शुक्रिया अदा किया और उनसे कहा कि मामले में पाकिस्तान द्वारा फर्जी और भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है।
पुतिन के साथ यहां उनकी बातचीत के दौरान, मोदी ने खुद ही जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के हालिया निर्णय के संदर्भ में राज्य का मुद्दा उठाया। विदेश सचिव गोखले ने दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता पर पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री ने मामले में अपनी सरकार के निर्णय के पीछे के वजह को समझाया।
मोदी ने इस मामले में पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देने के लिए पुतिन का शुक्रिया अदा किया। इससे कई दिन पहले रूस ने जम्मू एवं कश्मीर में हस्तक्षेप करने के पाकिस्तान के आग्रह को ठुकरा दिया था। रूस ने माना है कि जम्मू एवं कश्मीर भारत व पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है और इसमें हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है।
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इससे पहले पुतिन के साथ मीडिया के समक्ष मोदी ने कहा था कि दोनों नेता किसी
भी देश के मामलों में बाहरी हस्तक्षेप के खिलाफ हैं। प्रधानमंत्री ने इस
बयान के साथ ही पाकिस्तान को एक संदेश दिया, जो जम्मू एवं कश्मीर से राज्य
को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद से ही राज्य के
मुद्दे में किसी तीसरे देश के हस्तक्षेप की कोशिश कर रहा है।
भारतीय
प्रधानमंत्री ने रूस को भरोसे का प्रतीक बताया। पुतिन ने हालांकि अपने बयान
में भारत-पाकिस्तान संबंधों का जिक्र नहीं किया। गोखले ने कहा, हम समझते
हैं कि रूस इस मुद्दे पर भारत के साथ मजबूती के साथ खड़ा है।
गोखले ने मोदी
व पुतिन के बीच वार्ता को काफी गर्मजोशी भरा बताया और कहा कि दोनों नेता
बड़े पैमाने पर अपने द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए
सहमत हुए हैं। रूसी राष्ट्रपति ने मोदी को अगले वर्ष मई में तत्कालीन
सोवियत संघ की द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर
आमंत्रित किया है। मोदी ने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।