Pulwama Attack : CRPF की रिपोर्ट से खुलासा, पुलवामा हमला खुफिया एजेंसी की विफलता का परिणाम

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 04 सितम्बर 2019, 10:31 AM (IST)

नई दिल्ली। सीआरपीएफ (CRPF)की आतंरिक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमला खुफिया एजेंसी की विफलता थी। अापको बताते जाए कि इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। यह हमला 14 फरवरी 2019 को हुआ था। सीआरपीएफ की रिपोर्ट गृह मंत्रालय के बयान के विपरीत है। गृह मंत्रालय ने बताया था कि पुलवामा आतंकी हमला एक खुफिया विफलता नहीं थी।

जांच रिपोर्ट में सामने आया कि आईईडी खतरे के संबंध में एक सामान्य चेतावनी थी, लेकिन कार से आत्मघाती हमले को लेकर कोई विशेष खतरा नहीं था। रिपोर्ट में कहा गया है कि घाटी में किसी भी खुफिया एजेंसी द्वारा इस तरह के इनपुट को साझा नहीं किया जा सकता है।


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गृह मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया था कि जम्मू और कश्मीर पिछले तीन दशकों से सीमापार से प्रायोजित और समर्थित आतंकवाद से प्रभावित है। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जून महीने में अपने बयान में बताया था कि आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति और सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई ने पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में आतंकवादियों को निष्प्रभावी कर दिया है।


उल्लेखनीय है कि सीआरपीएफ की आंतरिक रिपोर्ट काफिले की असामान्य लंबाई सहित कई खामियां बताई गई हैं। 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले में 78 वाहन शामिल थे और 2547 यात्रियों के साथ जम्मू से श्रीनगर के लिए रवाना हुए थे। सूत्रों ने बताया कि काफिले के दूर से ही पहचानना आसान था और सूचना भी आसानी से लीक हो गई। आंतरिक रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि काफिले की आवाजाही के दौरान नागरिक वाहन को जाने की इजाजत देना सीआरपीएफ के लिए महंगी साबित हो गई।

जांच में पता चला कि असामान्य रूप से लंबा काफिला भी कारण था। रिपोर्ट में यह बताया गया कि भारी बर्फबारी के कारण 4 फरवरी के बाद से कोई भी वाहन जम्मू श्रीनगर राजमार्ग पर नहीं चल रहा था। शाम 3.30 बजे के करीब सीआरपीएफ की बस HR 49F 0637 of 76 पर आत्मघाती हमला हो गया। इस बस काफिले में 5 नंबर पर थी। सूत्रों ने बताया कि 15 पेज की रिपोर्ट सीआरपीएफ की डीजी को मई के महीने में सौंपे गए थे, जिसमें उनकी टिप्पणियों में उल्लेख किया गया था।