संजय रैसवाल।
दौसा/बांदीकुई। भारत के लोगों में प्रतिभा की कमी नहीं है और यह बात भी सच है कि प्रतिभा ज्यादातर गांवों से निकलकर उभरकर आती है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान में सामने आया है। जहां पर राजस्थान के दौसा के बांदीकुई क्षेत्र के पूरी दुनिया में प्रसिद्ध चांद बावड़ी स्थित आभानेरी ग्राम पंचायत के दो हजार आबादी वाले झोपडी गांव छात्र चेतराम चेची ने विषम परिस्थितियों में उडऩे वाला हेलीकॉप्टर बना कर कमाल कर दिया है।
खासखबर की रिपोर्ट के अनुसार, आईटीआई डिग्री धारी युवक चेतराम चेची का पढा़ई के दौरान एक उडऩे वाले हेलीकॉप्टर बनाने का सपना था। जिसको लेकर लूज पाट्र्स और जुगाड़ करके एक आदमी के बैठकर चार सौ किलो वजनी लोहे की बांडी का हेलीकॉप्टर एक साल की कड़ी मेहनत कर बना डाला।
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युवक का दावा है कि यदि उसे अनुमति मिले तो वह यह हेलीकॉप्टर बीस फीट ऊंचाई तक उड़ा सकता है। इसको बनाए में उसने प्रतिदिन बारह से पन्द्रह घंटे की मेहनत की है। साथ ही इसमें करीब आठ लाख रुपए का खर्चा हुआ है।
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जिसको लेकर किसान पिता ब्रज लाल गुर्जर ने उसके सपनों को पंख लगाने के लिए सहयोग किया। हेलीकॉप्टर को बनाते समय इसे तीन बार बदला गया।
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पहले इसमें मोटर साइकिल का
सिंगल पेट्रोल इंजन लगाया गया लेकिन यह नहीं उड़ सका फिर युवक ने डीजल का
इंजन लगाया लेकिन हेलिकॉप्टर के कंपंन के कारण सफलता नहीं मिली।
लगातार
बदलते मॉडल के चलते होंडा सीबीजेड मोटर बाईक के दो इंजन लगाने के बाद और
हेलीकॉप्टर का थोड़ा रूप में विस्तार कर युवक ने सफलता प्राप्त करते हुए
हेलीकॉप्टर को बीस फीट ऊंचाई से ऊपर उडऩे का दावा किया।
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दस लीटर पेट्रोल
भराव की क्षमता रखने वाला यह हेलीकॉप्टर बनाते समय युवक ने यूट्यूब पर
जानकारी जुटाई। यदि केन्द्र और राज्य सरकार की युवक को मदद मिले तो युवक
इसको और बेहतर बना सकता है।
बता दे, पिछले दिनों राजस्थान के नागौर जिले के
प्यावां गांव में रहने वाले 14 साल के सुनील ने अपने खेत में सौर ऊर्जा से
चलने वाली ट्रेन का मॉडल बनाकर सभी को हैरान कर दिया था।
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