क्राइम न्यूज : घूसखोर एसीपी आस मोहम्मद मामला, 26 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 24 अगस्त 2019, 7:35 PM (IST)

जयपुर। राजधानी जयपुर के झोटवाड़ा थाने के हाई प्रोफाइल घूसकांड मामले में बीते 6 महिनों से फरार चल रहे निलंबित एसीपी आस मोहम्मद ने शुक्रवार को कोटा में सरेंडर किया था। जिसके बाद शनिवार को उसको जयपुर में एसीबी कोर्ट जज के आवास पर पेश किया गया, जिसे 26 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर भेेजा गया है। बताया जा रहा है कि पेशी के दौरान बेशर्म घूसखोर आस मोहम्मद के चेहरे पर कोई शिकन नहीं दिखी।

जानकारी के अनुसार जज के आवास के बाहर आरोपित आस मोहम्मद ने पेशी पर अंदर जाते हुए पूरी बेशर्मी के साथ नेताओं की तरह हवा में हाथ लहराया और फिर पत्रकारों को कहा की फोटो खींचते समय डरने की कोई बात नहीं है ''शबास वेलडन'' वो मुस्कुराता हुआ अंदर गया और मुस्कराते हुए बाहर आया।

किसी तरह की शर्म उसके चेहरे पर नहीं दिखी। घूसखोर आस मोहम्मद को 26 अगस्त तक रिमांड पर भेजा गया गया है। जिसके बाद एसीबी की टीम उसे वापस कोटा लेकर रवाना हो गई।

यह है पूरा मामला
एसीपी आस मोहम्मद ने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया था। फरार एसीपी आस मोहम्मद अचानक मामले की जांच कर रहे कोटा एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील के सामने पहुॅचे और सरेंडर किया। बीते एक महिने पहले ही इस मामले की पत्रावली जांच के लिए जयपुर से कोटा आई थी । बीती 13 फरवरी को एसीबी टीम ने 1 लाख रूप्ए की रिश्वत लेते झोटवाड़ा थाने के कांस्टेबल बत्तू खां व दलाल सुमंत सिंह को गिरफ्तार किया था।

जांच में यह राशि एसीपी आस मोहम्मद के लिए लेने की जानकारी सामने आई थी । लेकिन गिरफ्तारी के डर के चलते आस मोहम्मद फरार हो गए थे । जिसके बाद से लगातार एसीबी की कई टीमें आस मोहम्मद की तलाश में दबिश दे रही थी । सूत्रों की माने तो एसीबी की ओर से फरार चल रहे आरोपी आस मोहम्मद को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।

सीआरपीसी की धारा 82-83 के तहत आस मोहम्मद को भगोड़ा यानी उद्घोषित अपराधी घोषित कराने के लिए एसीबी कोर्ट में अर्जी लगा रही थी। भगोड़ा घोषित होने के बाद आरोपी के खिलाफ कोर्ट से स्थायी वारंट जारी किया जाता और उसकी संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू होती। अदालत से अग्रिम जमानत अर्जियां खारिज होने और संपत्ति जब्त होने के डर के चलते पहले ही आरोपी आस मोहम्मद ने कोटा एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील के सामने सरेंडर कर दिया।

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