INX Media Case:रिमांड पूरी होते ही तिहाड़ में लकड़ी के तख्त पर कटेंगीं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की रातें!

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 23 अगस्त 2019, 08:51 AM (IST)

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय गृह और वित्तमंत्री पी. चिदंबरम (p. chidambaram)का सीबीआई (CBI)रिमांड खतम होने के बाद अगर अदालत उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजती है तो, वहां उनकी रातें लकड़ी के सख्त तख्त पर गुजरेंगी।

वहां न आरामदायक तकिया-गद्दा होगा और न ही एसी की ठंडी हवा। अभी तक चिदंबरम सीबीआई मुख्यालय की एअरकंडीशंड इमारत में पुलिस रिमांड की रातें गुजार रहे हैं, जहां सुविधाएं तिहाड़ से कहीं ज्यादा बेहतर हैं। चिदंबरम से हाईप्रोफाइल कैदी के आज नहीं तो कल (सीबीआई रिमांड पूरी होते ही) तिहाड़ जेल पहुंचने की खबर से सजग जेल प्रशासन ने तमाम इंतजामात प्रारंभ कर दिए हैं।

तिहाड़ जेल के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि यूं तो आर्थिक मामलों के विचाराधीन कैदियों को अमूमन जेल नंबर-7 में ही रखा जाता है। यह अलग बात है कि मौजूदा वक्त में 7 नंबर जेल में कोई हाई-प्रोफाइल आर्थिक अपराधों से जुड़े मामले का कैदी बंद नहीं है। एक कैदी जो बंद था भी करीब एक साल पहले उसे तिहाड़ की ही दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।

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इस जेल में मौजूदा वक्त में करीब 650 कैदी बंद हैं। चूंकि आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों से जुड़े कैदियों की संख्या इस जेल में फिलहाल नगण्य ही है, लिहाजा ऐसे में तिहाड़ की 7 नंबर जेल को कुछ समय पहले तक बच्चा जेल भी बनाकर रखा गया था। साथ ही यह जेल बहुत ही संकरी है. इसके कमरे (सेल-कोठरी) बहुत छोटी हैं।साथ ही इन दिनों इस जेल में महिलाओं से छेड़छाड़ या महिलाओं के साथ अन्य अपराध करने वाले अपराधियों को रखा जाने लगा है। इन हालातों में फिलहाल चिदंबरम जैसे हाई-प्रोफाइल कैदी को सात नंबर जेल के भीतर कैद रख पाना सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी जेल प्रशासन को शायद मुनासिब न लगे।

तिहाड़ जेल मुख्यालय से जुड़े एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि जेल की जिम्मेदारी अभी तब तक कुछ नहीं है, जब तक कोई कैदी न्यायिक हिरासत में जेल के अंदर नहीं आ जाता है। जहां तक चिदंबरम के आने का सवाल और जेल में उन्हें रखने की बात है, तो जेल को कोई खास इंतजाम नहीं करने हैं।

उन्होंने कहा कि सब कुछ जेल मैनुअल के हिसाब से पहले से तय है। चूंकि चिदंबरम की उम्र 70 साल के आसपास है। लिहाजा कानूनन उन्हें जेल नंबर-एक की सेल में बंद किए जाने की भी प्रबल संभावना है। साथ ही सोने के लिए उन्हें लकड़ी का तख्त दिया जाएगा। यह भी तय है। साथ ही उन्हें कंबल भी जेल की तरफ से मुहैया कराया जायेगा। एअरकंडीशनर और गद्दे के इंतजाम का जेल मैनुअल में कहीं कोई जिक्र नहीं हैं।'

एक अन्य जेल सूत्र ने आगे बताया कि, 'जेल नंबर एक में किसी जमाने में हरिकिशन लाल भगत (एचकेएल भगत 1984 सिख दंगो का आरोपी), चंद्रा स्वामी, मामाजी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम, सन 2010 में दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में फंसे सुरेश कलमाड़ी, सहारा प्रमुख सुब्रत राय भी यहां रह चुके हैं। 7 नंबर जेल के बजाए एक नंबर तिहाड़ जेल में रखने के पीछे चिदंबरम की सुरक्षा भी प्रमुख वजह होगी।

नाम न खोलने की शर्त पर तिहाड़ जेल के एक आला अफसर ने बताया कि यूं तो पूरी तिहाड़ में तमिलनाडू स्पेशल पुलिस लगी है। चिदंबरम के मगर जेल नंबर एक में पहुंचते ही वहां टीएसपी जवानों की संख्या और बढ़ा दी जाएगी।



जेल मैनुअल के हिसाब से एक नंबर जेल में कैद होने वाले कैदियों को एक दाल एक सब्जी चार पांच रोटी मुहैया कराई जाती है। चिदंबरम को भी यही खाना खाने को दिया जाएगा। अलग होगा तो सिर्फ यह कि चिदंबरम को जेल नंबर एक में ही मौजूद अलग रसोईघर में बना भोजन मुहैया कराया जाए। न कि जेल-लंगर में बना खाना दिया जाए। यह सब एहतियातन और सुरक्षा के मद्देनजर जेल मैनुअल के मुताबिक ही बताया जाता है।

तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक अगर चिदंबरम जेल की रसोई का खाना खाने से मना करेंगे तो उन्हें नियमानुसार तिहाड़ जेल कैंटीन से ही कुछ खाने-मंगाने की अनुमति होगी। घर का बना खाना जेल की कोठरी में लाने की सख्त मनाही है। जेल में वे सिर्फ घर से लाए या किसी परिजन द्वारा मुहैया कराए गएकपड़े ही पहन पाएंगे।

उल्लेखनीय है कि अदालत ने वृहस्पतिवार को ही चिदंबरम को 26 अगस्त तक के लिए सीबीआई रिमांड पर भेजा है। चिदंबरम तिहाड़ जेल कब भेजे जाएंगे यह 26 अगस्त को अदालत के आदेश पर निर्भर करेगा।


गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम को सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया (प्रा.) लिमिटेड संबंधी आर्थिक घोटाले में लिप्त पाये जाने के कारण गिरफ्तार किया है।

(आईएएनएस)