RSS ने कहा, भागवत के बयान पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 19 अगस्त 2019, 8:24 PM (IST)

नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में आरक्षण को काफी संवेदनशील मुद्दा माना जाता है। देश कई जाति-पातियों में बंटा हुआ है और कई राजनीतिक दल उनका इस्तेमाल वोट बैंक के रूप में करते हैं। ऐसे में जब भी कोई आरक्षण को लेकर कुछ बोलता है तो उसे लेकर बवाल खड़ा हो जाता है। एक दिन पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरक्षण को लेकर बयान दिया, जिससे विपक्षी दलों को मुद्दा मिल गया।

कई कांग्रेस नेताओं और बसपा प्रमुख मायावती ने भागवत पर निशाना साधा। मामला तूल पकडऩे पर आरएसएस ने स्थिति साफ की है। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत के दिल्ली में एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण के एक भाग पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने संघ के ट्विटर अकाउंट पर जारी बयान में कहा कि समाज में सदभावनापूर्वक परस्पर बातचीत के आधार पर सब प्रश्नों के समाधान का महत्व बताते हुए आरक्षण जैसे संवेदनशील विषय पर विचार व्यक्त करने का आह्वान किया था। अरुण कुमार ने कहा कि जहां तक संघ का आरक्षण के विषय पर मत है, वह अनेक बार स्पष्ट किया जा चुका है कि अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और आर्थिक आधार पर पिछड़ों के आरक्षण का संघ पूर्ण समर्थन करता है।

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उल्लेखनीय है कि भागवत ने कहा था कि आरक्षण का पक्ष लेने वालों को उन लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए जो इसके खिलाफ हैं और इसी तरह से इसका विरोध करने वालों को इसका समर्थन करने वालों के हितों को ध्यान में रखते हुए बोलना चाहिए। आरक्षण पर चर्चा हर बार तीखी हो जाती है जबकि इस दृष्टिकोण पर समाज के विभिन्न वर्गों में सामंजस्य जरूरी है।