Pehlu Khan Case- प्रियंका के ट्वीट के बाद गहलोत सरकार ने किया एसआईटी का गठन

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 16 अगस्त 2019, 6:24 PM (IST)

जयपुर । अलवर के पहलू खान मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के ट्वीट के बाद गहलोत सरकार एक्शन में आ गई है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद इस मामले प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह पता चला है कि पहलू खान के मामले में पुलिस अनुसंधान में कमियां पाई गई है।
वहीं सम्पूर्ण प्रकरण की जांच के लिए एडीजी क्राइम की निगरानी में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। यह एसआईटी 15 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

एसआईटी अनुसंधान में रही त्रुटियों एवं अनियमितताओं को चिन्हित कर इनके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करेगी। यह एसआईटी ऎसे महत्वपूर्ण मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्यों को भी एकत्रित करेगी, जो प्रकरण में एकत्रित नहीं किए गए।

इस एसआईटी का नेतृत्व उप महानिरीक्षक एसओजी नितिनदीप बल्लगन करेंगे तथा इनके साथ एसपी सीआईडी सीबी समीर कुमार सिंह तथा एएसपी विजिलेंस समीर दुबे टीम में शामिल होंगे।

आपको बता दे कि पहलू खान मामले में सभी आरोपी दोष मुक्त हो चुके है, वहीं सीएम गहलोत ने ट्वीट करके बयान दिया था कि इस मामले में राज्य सरकार अपील करेगी।


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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को कहा कि पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में लोअर कोर्ट का फैसला चौंका देने वाला है। उन्होंने साथ ही कहा कि हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए और राजस्थान सरकार का मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने का फैसला स्वागत योग्य है।

उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि पहलू खान मामले में लोअर कोर्ट का फैसला चौंका देने वाला है। हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए और भीड़ द्वारा हत्या एक जघन्य अपराध है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, राजस्थान सरकार द्वारा भीड़ द्वारा हत्या के खिलाफ कानून बनाने की पहल सराहनीय है।

आशा है कि पहलू खान मामले में न्याय दिलाकर इसका अच्छा उदाहरण पेश किया जाएगा।


वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी लिखा कि राजस्थान कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही व निष्क्रियता के कारण बहुचर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले में सभी 6 आरोपी वहां की निचली अदालत से बरी हो गए. यह अतिदुर्भाग्यपूर्ण है। पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने के मामले में वहां की सरकार अगर सतर्क रहती तो क्या यह संभव था, शायद कभी नहीं। हालांकि केस पर आए फैसले से राज्य सरकार भी संतुष्ट नहीं है।