नई दिल्ली। भारत गुरुवार को आजादी का जश्न मनाएगा। देश के विभिन्न हिस्सों में 15 अगस्त को झंडारोहण के साथ रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित किया।
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- तिहत्तरवें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर आप सभी को मेरी हार्दिक बधाई! यह स्वाधीनता दिवस भारत-माता की सभी संतानों के लिए बेहद खुशी का दिन है, चाहे वे देश में हों या विदेश में — राष्ट्रपति कोविन्द
- हम अपने उन असंख्य स्वतन्त्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं, जिन्होंने हमें आज़ादी दिलाने के लिए संघर्ष, त्याग और बलिदान के महान आदर्श प्रस्तुत किए — राष्ट्रपति कोविन्द
- 2 अक्टूबर को हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे। गांधीजी, हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। वे समाज को हर प्रकार के अन्याय से मुक्त कराने के प्रयासों में हमारे मार्गदर्शक भी थे — राष्ट्रपति कोविन्द
- गांधीजी का मार्गदर्शन आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने हमारी आज की गंभीर चुनौतियों का अनुमान पहले ही कर लिया था।
गांधीजी मानते थे कि हमें प्रकृति के संसाधनों का उपयोग विवेक के साथ करना चाहिए ताकि विकास और प्रकृति का संतुलन हमेशा बना रहे — राष्ट्रपति कोविन्द
- वर्तमान में चल रहे हमारे अनेक प्रयास गांधीजी के विचारों को ही यथार्थ रूप देते हैं। अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों के माध्यम से हमारे देशवासियों का जीवन बेहतर बनाया जा रहा है।
सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने पर विशेष ज़ोर देना भी गांधीजी की सोच के अनुरूप है — राष्ट्रपति कोविन्द
- 2019 का यह साल, गुरु नानक देवजी का 550वां जयंती वर्ष भी है। वे भारत के सबसे महान संतों में से एक हैं।
गुरु नानक देवजी के सभी अनुयायियों को मैं इस पावन जयंती वर्ष के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं — राष्ट्रपति कोविन्द
- जिस महान पीढ़ी के लोगों ने हमें आज़ादी दिलाई, उनके लिए स्वाधीनता, केवल राजनीतिक सत्ता को हासिल करने तक सीमित नहीं थी। उनका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति के जीवन और समाज की व्यवस्था को बेहतर बनाना भी था — राष्ट्रपति कोविन्द
- मुझे विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए हाल ही में किए गए बदलावों से वहां के निवासी बहुत अधिक लाभान्वित होंगे — राष्ट्रपति कोविन्द
- इसी वर्ष गर्मियों में, आप सभी देशवासियों ने 17वें आम चुनाव में भाग लेकर विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सम्पन्न किया है। इस उपलब्धि के लिए, सभी मतदाता बधाई के पात्र हैं — राष्ट्रपति कोविन्द
- यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि अपने गौरवशाली देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए जोश के साथ, कंधे से कंधा मिलाकर काम करें — राष्ट्रपति कोविन्द
- मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि संसद के हाल ही में संपन्न हुए सत्र में लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों की बैठकें बहुत सफल रही हैं — राष्ट्रपति कोविन्द
- हमारी संस्थाओं और नीति निर्माताओं को चाहिए कि नागरिकों से जो संकेत उन्हें मिलते हैं, उन पर पूरा ध्यान दें और देशवासियों के विचारों तथा इच्छाओं का सम्मान करें — राष्ट्रपति कोविन्द
- आज हमारा लक्ष्य है कि विकास की गति तेज हो, शासन व्यवस्था कुशल और पारदर्शी हो ताकि लोगों का जीवन बेहतर हो — राष्ट्रपति कोविन्द
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- लोगों के जनादेश में उनकी आकांक्षाएं साफ दिखाई देती हैं। इन आकांक्षाओं
को पूरा करने में सरकार अपनी भूमिका निभाती है।
मेरा मानना है कि 130 करोड़ भारतवासी अपने कौशल, प्रतिभा, उद्यम तथा
इनोवेशन के जरिए, बहुत बड़े पैमाने पर, विकास के और अधिक अवसर पैदा कर सकते
हैं— राष्ट्रपति कोविन्द
- सरकार, लोगों की आशाओं-आकांक्षाओं को
पूरा करने में उनकी सहायता के लिए बेहतर बुनियादी सुविधाएं और सामर्थ्य
उन्हें उपलब्ध करा रही है।
ऐसे अनुकूल वातावरण में, हमारे देशवासी जो उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं,
वे हमारी कल्पना से भी परे हैं — राष्ट्रपति कोविन्द
- देशवासियों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए, सरकार अनेक बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर रही है — राष्ट्रपति कोविन्द
- सरकार के प्रयासों का पूरा लाभ उठाने के लिए हम सभी नागरिकों को जागरूक और सक्रिय रहना होगा — राष्ट्रपति कोविन्द
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हर घर में शौचालय और पानी उपलब्ध कराने का पूरा लाभ तभी मिलेगा जब इन
सुविधाओं से, हमारी बहन-बेटियों का सशक्तीकरण हो और उनकी गरिमा बढ़े —
राष्ट्रपति कोविन्द
- समाज और राष्ट्र के विकास के लिए बनाए गए इंफ्रास्ट्रक्चर का सदुपयोग करना और उसकी रक्षा करना, हम सभी का कर्तव्य है।
यह इंफ्रास्ट्रक्चर हर भारतवासी का है, हम सब का है क्योंकि यह राष्ट्रीय संपत्ति है — राष्ट्रपति कोविन्द
- जब हम अपने देश की समावेशी संस्कृति की बात करते हैं तब हम सबको यह भी देखना है कि हमारा आपसी व्यवहार कैसा हो।
सभी व्यक्तियों के साथ हमें वैसा ही सम्मान-जनक व्यवहार करना चाहिए जैसा हम उनसे अपने लिए चाहते हैं — राष्ट्रपति कोविन्द
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भारत का समाज तो हमेशा से सहज और सरल रहा है, तथा ‘जियो और जीने दो’ के
सिद्धांत पर चलता रहा है।
हम भाषा, पंथ और क्षेत्र की सीमाओं से ऊपर उठकर एक दूसरे का सम्मान करते
रहे हैं। हजारों वर्षों के इतिहास में, भारतीय समाज ने शायद ही कभी
दुर्भावना या पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर काम किया हो
- दूसरे देशों
के साथ हमारे सम्बन्धों में भी हम सहयोग की इसी भावना का परिचय देते हैं।
हमारे पास जो भी विशेष अनुभव और योग्यताएं हैं उन्हें सहयोगी देशों के साथ
साझा करने में हमें खुशी होती है— राष्ट्रपति कोविन्द
- भारत युवाओं
का देश है। हमारे युवाओं की ऊर्जा खेल से लेकर विज्ञान तक और ज्ञान की खोज
से लेकर सॉफ्ट स्किल तक कई क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा बिखेर रही है —
राष्ट्रपति कोविन्द
- मुझे विश्वास है कि समाज के अंतिम व्यक्ति के
लिए भारत, अपनी संवेदनशीलता बनाए रखेगा; भारत, अपने आदर्शों पर अटल रहेगा;
भारत, अपने जीवन मूल्यों को सँजोकर रखेगा और साहस की परंपरा को आगे बढ़ाएगा
— राष्ट्रपति कोविन्द
- हमारी संस्कृति की यह विशेषता है कि हम सब
प्रकृति के लिए और सभी जीवों के लिए प्रेम और करुणा का भाव रखते हैं। पूरी
दुनिया के जंगली बाघों की तीन-चौथाई आबादी को हमने सुरक्षित बसेरा दिया है —
राष्ट्रपति कोविन्द
- हमारे स्वतन्त्रता आंदोलन को स्वर देने वाले
महान कवि सुब्रह्मण्य भारती ने सौ वर्ष से भी पहले भावी भारत की जो कल्पना
की थी वह हमारे प्रयासों में साकार होती दिखाई देती है — राष्ट्रपति
कोविन्द
- मेरी कामना है कि हमारी समावेशी संस्कृति, हमारे आदर्श,
हमारी करुणा, हमारी जिज्ञासा और हमारा भाई-चारा सदैव बना रहे। और हम सभी,
इन जीवन-मूल्यों की छाया में आगे बढ़ते रहें।
मैं आप सभी को स्वाधीनता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देता हूं।