राज्य में शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए शिक्षा अधिकारियों एवं कार्मिकों को मिलेगा सहयोग : शिक्षा राज्य मंत्री

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 13 अगस्त 2019, 6:04 PM (IST)

जयपुर। शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने मंगलवार को यहीं शिक्षा संकुल में ‘वर्चुअल फिल्ड सपोर्ट सेंटर’ (तकनीक आधारित शैक्षणिक इकाई) का लोकार्पण किया। यह सेंटर राज्य में शैक्षिक गुणवत्ता सुधार के लिए शिक्षा अधिकारियों एवं कार्मिकों के सहयोग के लिए कार्य करेगा।

‘वर्चुअल फिल्ड सपोर्ट सेंटर’ के लोकार्पण बाद डोटासरा ने कहा कि राज्य में शिक्षा क्षेत्र में पीरामल फाउण्डेशन के सहयोग से प्रारंभ तकनीक आधारित इस शैक्षणिक सहयोग ईकाई के जरिए प्रदेश के एक हजार से अधिक शिक्षा अधिकारियों को गुणवत्ता सुधार, नेतृत्व कौशल, शिक्षण में नवाचार आदि के लिए सहयोग उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि वी.एफ.एस. के जरिए राज्य के शिक्षकों, अभिभावकों और अधिकारियों के लिए अकादमिक एवं प्रशासनिक सहयोग को और अधिक सशक्त किया जा सकेगा।

शिक्षा राज्य मंत्री डोटासरा ने इस मौके पर आयोजित समारोह में कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण और उनकी रूचि के अनुसार शिक्षण को प्रोत्साहित किए जाने पर भी वृहद स्तर पर कार्य किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। इसलिए यह जरूरी है कि बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण में भी पीरामल फाउण्डेशन जैसे संस्थान सहयेाग करें।

शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा पद्धति प्रतियोगिता की भागमभाग आधारित है। इसमें बच्चों की रूचि, उनकी क्षमता की बजाय भविष्य में डॉक्टर, इंजीनियर आदि बनने पर ही जोर दिया जाता है। इस दौर में जरूरत इस बात की है कि बच्चों के मन और उनकी रूचि के साथ उनकी क्षमता पर भी गौर शिक्षण में गौर किया जाए और इसी आधार पर बच्चों के भविष्य की दिशा तय हो। उन्होंने इसे चुनौति के रूप में लेते हुए शिक्षाविदें, इस क्षेत्र में कार्य करने वाले नीति निर्धाकरकों को कार्य करने का आह्वान किया।

डोटासरा ने फाउण्डेशन द्वारा चलायी जा रही गॉंधी फैलोशिप की चर्चा करते हुए कहा कि गॉंधीजी ने जो आदर्श समाज को दिया, उस पर चलने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी यह है कि शिक्षा में इस बात का समावेश किया जाए कि हम अधिक से अधिक लोगों का भला करने की मानसिकता पर कार्य करे। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षा क्षेत्र में सभी का योगदान होगा तभी सकारात्मक परिवर्तन की ओर हम अग्रसर हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि ऎसी शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को तैयार किया जाए जिसके जरिए देश, समाज का नाम रोशन हो सके।

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शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रभावी प्रयासों के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा सभी की आवश्यकता है और इसके लिए सभी को मिलकर कार्य करने की जरूरत है।

उन्होंने शिक्षा संकुल में स्थापित तकनीक आधारित शैक्षणिक इकाई (वी.एफ.एस.) के अंतर्गत शिक्षा क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों को समझते हुए उनका विश्लेषण कर आवश्यकता के अनुरूप शिक्षण पद्धति के विकास के लिए कार्य किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर हो रहे शिक्षा विभाग के बेहतर कार्यों का डेटा भी वीएफएस में एकत्र किया जाए और इसके जरिए राज्य के अध्यापक, प्रधानाध्यापक और बच्चों को सभी स्तरों पर उनके कार्य में आने वाली चुनौतियों के संबंध में सहयोग आधारित कार्य हो।

इस अवसर पर समग्र शिक्षा अभियान के आयुक्त श्री प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि तकनीकी आधारित शिक्षण सहयोग के साथ ही राज्य में शैक्षिक गुणवत्ता में ग्रामीण स्तर पर कार्य करने में पीरामल फाउण्डेशन का सहयोग लिया जाएगा। उन्हाेंने कहा कि राज्य सरकार का यह लक्ष्य है कि प्रदेश में सभी स्तरों पर शिक्षा का प्रभावी विकास हो। राज्य परियोजना निदेशक एन.के. गुप्ता ने कहा कि शिक्षा में गुणवत्ता के लिए प्रदेश में बेहतर वातावरण निर्मित हो रहा है।

इससे पहले पीरामल फाउण्डेशन के मनमोहन सिंह ने बताया कि शिक्षा संकुल में स्थापित ‘वर्चुअल फिल्ड सपोर्ट सेंटर’ में फोन कॉल की सुविधा इस रूप मेंं प्रदान की गयी है कि इसके जरिए राज्य सरकार के शिक्षा कार्यक्रमों और अभियान के क्रियान्वयन में आवश्यकता आधारित सहयोग शिक्षकों और अधिकारियों को उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने बताया कि वीएफएस सेंटर में टीचर कॉलिंग के जरिए शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा क्षेत्र से संबंधित चुनौतियों के बारे में सहयोग प्रदान किये जाने की पहल की गयी है।