Ayodhya Case : सुप्रीम कोर्ट ने वकील से मांगे रामजन्मभूमि पर दावे के सबूत

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 13 अगस्त 2019, 3:27 PM (IST)

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज भी अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई चल रही है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में 5 जजों की पीठ मामले की रोजाना सुनवाई कर रही है। हफ्ते में पांच दिन ये मामला सुना जा रहा है। अदालत ने रामलला के वकील से रामजन्मभूमि पर दावे के सबूत मांगे। तीन दिन की छुट्टी के बाद मंगलवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने रामलला के वकील वैद्यनाथन से कहा कि आपका दुनिया देखने का नजरिया सिर्फ आपका नजरिया है लेकिन आपके देखने का तरीका सिर्फ एकमात्र नजरिया नहीं हो सकता।

एक नजरिया ये है कि स्थान खुद में भगवान है और दूसरा नजरिया ये है कि वहां पर हमें पूजा करने का हक मिलना चाहिए। हमें दोनों को देखना होगा। इस पर वकील ने कहा कि ये हमारा नजरिया है, अगर कोई दूसरा पक्ष उस पर दावा करता है तो हम डील कर लेंगे लेकिन हमारा मानना है कि स्थान देवता है और देवता का दो पक्षों में सामूहिक कब्जा नहीं दिया जा सकता।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान से जमीन पर कब्जे के सबूत पेश करने को कहा। संविधान पीठ ने कहा कि आप सुन्नी वक्फ बोर्ड के दावे को मानने को तैयार नहीं हैं। आप अपने दावे को कैसे साबित करेंगे। इस पर वकील ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों के फैसले में वैचारिक तालमेल नहीं हैं।

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रामलला विराजमान देवता हैं, दूसरी जगह वो कहते हैं कि संपत्ति के मालिक हैं। जब स्थान खुद में पूजनीय है और देवता है, तो ये नहीं कहा जा सकता है कि वहां भगवान रहते हैं, ऐसे में इस पर सामूहिक कब्जा नहीं हो सकता है। वकील ने दलील दी कि मस्जिद से पहले उस स्थान पर मंदिर था, इसका कोई सबूत नहीं है कि बाबर ने ही वो मस्जिद बनाई थी। मुस्लिम पक्ष ने दावा किया था कि उनके पास 438 साल से जमीन का अधिकार है, लेकिन हाईकोर्ट ने भी उनके इस तर्क को मानने से इनकार कर दिया था।