मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अपनी मौद्रिक समीक्षा बैठक में प्रमुख ब्याज दर (Repo Rate) में 35 आधार अंकों की कटौती की है। इसके साथ ही रेपो रेट घटकर 5.40 फीसदी हो गई है। रिजर्व बैँक के गर्वनर शशिकांत की अध्यक्षता में बैठक हुई।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों का एलान से आम लोगों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती का निर्णय से रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गया है। इससे पहले रेपो रेट की दर 5.75 फीसदी थी।
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आपको बताते जाए कि रेपो रेट कम होने के बाद बैंकों पर होम और ऑटो
लोन पर ब्याज दर कम करने का दबाव बढ जाएगा। आरबीआई की ओर से रिवर्स रेपो
रेट में भी कटौती भी कर दी गई है। रिवर्स रेपो रेट घटकर अब 5.15 फीसदी हो
गया है। पहले यह दर 5.50 फीसदी थी। आपको बताते जाए कि रिवर्स रेपो रेट वह
दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता
है।
इस बीच, केद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए
जीडीपी के अनुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया गया है। केंद्रीय
बैंक की ओर से यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब केंद्र की नरेंद्र मोदी
सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 8
फीसदी के जीडीपी ग्रोथ की प्रयास में लगी हुई है।
आरबीआई के इस निर्णय का फायदा उन लोगों को मिलेगा जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई अभी चल रही है। आपको बताते जाए कि आरबीआई के लगातार रेपो रेट घटाने के बाद भी बैंकों ने उम्मीद के मुताबिक ग्राहकों तक फायदा नहीं पहुंचाया है। यही वजह है कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों से रेपो दर में कटौती का लाभ कर्जदारों को देने के निर्देश दिए थे।