जयपुर। वर्ल्ड हैरिटेज सिटी जयपुर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिये चल रही प्रक्रिया के तहत मंगलवार को नगर निगम मुख्यालय के ईसी हाॅल में महापौर विष्णु लाटा की अध्यक्षता में नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी के अधिकारियों एवं अमेरिकी दूतावास अधिकारियों तथा शहरी विकास डिजाईन के अमेरिकी विशेषज्ञों के साथ चर्चा की गई। जिसमें विशेषज्ञों ने वाषिंगटन डीसी के अनुभव साझा किए।
शहरी योजना डिजाईनर एक्सपर्ट प्रोफेसर उवे ब्रान्डस् ने पार्किग समस्या समाधान के लिये डाइनमिक प्राईसिग पार्किग का सुझाव दिया। जिसके तहत व्यस्त घंटों में पार्किग का शुल्क ज्यादा एवं सामान्य घंटों में कम रहता है। इसी प्रकार आधारभूत संरचना विकास के लिए विकेन्द्रिकृत माडल अपनाने का सुझाव दिया। इसके तहत भूस्वामियों के माध्यम से आधारभूत संरचना का विकास करवाया जाता है। नदी नालों में प्रदूषित जल नहीं जाये इसके लिये विभिन्न प्रतिष्ठान एवं रहवासियों द्वारा अपने भवनों एवं प्रतिष्ठान के आगे की जमीन पर फील्ट्रेशन पाइन्ट विकसित किये जाते है।
इसी प्रकार पीपीपी माडल के माध्यम से भूस्वामी को शामिल करके संरचनाओं का विकास किया जाता है और ऊर्जा खपत के मानक तय किये जाते है। इन मानकों से कम ऊर्जा खपत करने वालों को कार्बन क्रेडिट दिया जाता है। जिसे वे बेचकर राशि प्राप्त कर सकते है। उन्होंने बताया कि इससे प्रदूषण में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है। इस दौरान दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये जीरो विजन प्लान पर भी चर्चा की गई। जिसमें फुटपाथ चैडा करने एवं ज्यादा से ज्यादा पैदल पार पथ विकसित करने का सुझाव दिया गया।
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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को सराहाः-
अमेरिकी दूतावास में
पब्लिक डिपलोमेसी आॅफिसर कैथरीन फिश्चर, एक्सपट उवे ब्रान्डस् एवं
सांस्कृतिक मामलों के विशेषज्ञ राॅबिन बंसल ने स्मार्ट सिटी प्रोेजेक्ट में
आमजन को ध्यान में रखकर किये जा रहे विकास कार्यो की तारीफ की। उवे
ब्रान्डस् ने कहा कि जयपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हर काम आमजन की
साहूलियत को ध्यान में रखकर डिजाईन किया जा रहा है जो काबिले तारीफ है।
इस
दौरान स्मार्ट सिटी के सीओ आलोक रंजन, अतिरिक्त सीईओ कविता चौधरी, निगम के
चीफ इंजीनियर अनिल सिघल सहित निगम एवं स्मार्ट सिटी के आला अधिकारी
उपस्थित रहे। स्मार्ट सिटी अधिकारियों एवं अमेरिकी विशेषज्ञों ने पाॅवर
पाइन्ट प्रजेटेशन के माध्यम से शहरी विकास के माॅडल पर प्रकाश डाला।