नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में कांग्रेस भितरघात की शिकार हो रही है। कई कांग्रेसी नेता इस मामले में केंद्र सरकार का समर्थन कर चुके हैं। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ गया है। सिंधिया ने मंगलवार को ट्वीट किया कि मैं जम्मू कश्मीर-लद्दाख और भारत में इसके पूर्ण एकीकरण पर उठाए गए कदम का समर्थन करता हूं।
बेहतर होता अगर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया होता। तब कोई प्रश्न नहीं उठाया जा सकता था। फिर भी, यह हमारे देश के हित में है और मैं इसका समर्थन करता हूं। सिंधिया इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में हार गए थे। वे पिछले साल मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। हालांकि दिग्गज नेता कमलनाथ उन पर भारी पड़े।
सिंधिया से पहले अनुच्छेद 370 को लेकर जनार्दन द्विवेदी, पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, उत्तर प्रदेश की विधायक अदिति सिंह और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे कई कांग्रेसी नेता सरकार के पक्ष में बोल चुके हैं। इन नेताओं ने अनुच्छेद-370 को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के फैसले का समर्थन किया है। सोमवार को मोदी सरकार के फैसले का स्वागत करने वाले द्विवेदी पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता के बाद की गई गलती को ठीक कर दिया गया है।
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इसके अलावा हरियाणा कांग्रेस के नेता और रोहतक के पूर्व सांसद दीपेंद्र
सिंह हुड्डा ने भी ट्विटर पर लिखा, मैं पहले ही इस विचार का समर्थन कर चुका
हूं कि 21वीं सदी में अनुच्छेद-370 के लिए कोई जगह नहीं है और इसे जरूर
हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह फैसला देश और जम्मू-कश्मीर के लोगों
की अखंडता के लिए अच्छा है, जो हमारे देश का एक अभिन्न अंग है।
लेकिन यह
वर्तमान सरकार की जिम्मेदारी है कि वह विश्वास और शांति के वातावरण को लागू
करे। रायबरेली की विधायक अदिति सिंह ने भी सरकार के फैसले का स्वागत करते
हुए ट्वीट किया, हम एकजुट हैं। जय हिंद। अनुच्छेद-370। वहीं दूसरी ओर
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा सोमवार को राज्यसभा में अनुच्छेद 370
को रद्द करने का प्रस्ताव पेश करने से पहले ही कांग्रेस के सचेतक भुवनेश्वर
कलिता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।