जेकेके में तीन दिवसीय भक्ति संगीत समारोह का शुभारंभ

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 01 अगस्त 2019, 7:44 PM (IST)

जयपुर । जवाहर कला केन्द्र में भक्ति संगीत समारोह - ‘सुमिरन‘ की गुरुवार को शुरूआत हुई। तीन दिवसीय इस समारोह के प्रथम दिन भुज के सुप्रसिद्ध लोक गायक मुरालाला मारवाड़ा ने अपने मधुर एवं बुलन्द स्वरों में संत कबीर के भजन पेश कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। मुरालाला के शानदार आवाज़ में लोक गायकी का रस और संत कबीर का निर्गुण भक्ति धारा का दर्शन शास्त्र रचा बसा था। श्रोताओं ने अनेक बार तालियां बजा कर कलाकारों की प्रशंसा की। इस अवसर पर जेकेके के अतिरिक्त महानिदेशक फुरकान खान भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरूआत गणपति वंदना से हुई। इसके पश्चात् मुरालाला ने राग मल्हार पर आधारित ‘‘मैं वारी जाऊं रे, बलिहारी जाऊं रे, म्हारा सतगुरु आंगण आया, मैं वारी जाऊं रे‘‘ सुना कर गुरू की महिमा का बखान किया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राग ‘सारंग‘ और तीन ताल में कबीर वाणी के गूढ़ अर्थों को अत्यंत सहजता से अभिव्यक्त करते हुए ‘‘हिये काया में बरतन माटी रो, ...‘‘ , ‘‘छोड़ के मत जा एकली बनजारा‘‘ , ‘‘ऊलटा बाण गगन में लागा....‘‘ और मेरो मन लागे फकीरी में... भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में संगत कलाकारों में झांझ पर सुखदेव, घडा गमेला पर मोहनलाल, जोड़िया पावा (अलगोजा पर) अमजद और मंजीरे पर भीखाभाई शामिल थे।

‘सुमिरन समारोह के दूसरे दिन 2 अगस्त को वडोदरा के पण्डित भगवती प्रसाद गन्धर्व एवं ग्रुप द्वारा हवेली संगीत के माध्यम से भगवान कृष्ण के सगुण स्वरूप का गुणगान किया जायेगा। इसी प्रकार शनिवार, 3 अगस्त को टोंक स्थित मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी एवं फारसी अनुसंधान संस्थान द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम में आसिफ एवं आरिफ पार्टी द्वारा कव्वाली पेश की जायेगी। ये कार्यक्रम जेकेके के रंगायन सभागार में सायं 7 बजे आरम्भ होंगे। इन कार्यक्रम में विजिटर्स का प्रवेश निशुल्क रहेगा।


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