मुख्यमंत्री कैप्टन ने फसली विभिन्नता के लिए व्यापक मॉडल को दिए आदेश

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 30 जुलाई 2019, 5:49 PM (IST)

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह (Chief Minister Capt Amarinder Singh) ने राज्य में गेहूँ-धान के फ़सली चक्कर को ख़त्म करने और पानी के गिर रहे स्तर को बचाने के लिए अपने एजंडे को आगे चलाते हुए राज्य योजना बोर्ड को फ़सली विभिन्नता के लिए व्यापक मॉडल बनाने के लिए कहा है।

मुख्यमंत्री ने बोर्ड को कृषि विभाग की विभिन्न स्कीमों की विस्तार में समीक्षा करने की हिदायत दी जिससे इस क्षेत्र में अति-आवश्यक सुधार लाए जा सकें। कृषि क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए सुझाव देने के लिए गठित बोर्ड के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श सैशन की अध्यक्षता करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने योजनाबंदी विभाग को राज्य में विभिन्न कृषि स्कीमों से सम्बन्धित सभी आंकड़ों के मिलान के लिए केंद्रीकृत आंकडा विश्लेषण और निरीक्षण डिविजन कायम करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इससे ठोस नीति को यकीनी बनाने और फ़ैसले करने में सहायक होगा। इसी तरह यह कदम सभी सरकारी कल्याण स्कीमों के मूल्यांकन और निरीक्षण को यकीनी बनाने के लिए भी मददगार साबित होगा।

पानी के गिर रहे स्तर पर चिंता ज़ाहिर करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मक्का, कपास और गन्ना की काश्त वाले पानी के कम उपभोग वाली फसलों को प्राथमिकता देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने बोर्ड को कहा कि किसानों को गेहूँ-धान की रिवायती फसलों से इन फसलों की तरफ मोडऩे के लिए रणनीति बनायी जाये।

मुख्यमंत्री ने बोर्ड सदस्यों को कृषि प्रसार सेवाएं ब्यूरो के कामकाज का जायज़ा लेने के लिए भी कहा जिससे किसानों को फसलों सम्बन्धी जानकारी प्रभावशाली ढंग से देने के अलावा कीटनाशकों आदि के समय संबंधी मार्गदर्शन किया जा सके।

कृषि उत्पादन के लिए भविष्यमई मंडीकरण रणनीति बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इस सम्बन्ध में सुझाव देने के लिए कहा जिससे साझा डिजिटल प्लेटफार्म कायम करके कृषि उत्पादन के लिए लाभप्रद भाव निश्चित किया जा सके।

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वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कृषि मंतव्यों के लिए नीलाम होती पंचायत विभाग की ज़मीन में धान की फ़सल लगाने पर पाबंदी लगाने का भी सुझाव दिया। योजना बोर्ड के उप चेयरमैन राजिन्दर गुप्ता ने उत्पादन के मानकीकरण पर और ज्य़ादा ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया जिससे अंतरराष्ट्रीय मंडी में और प्रतिद्वन्दता लाई जा सके।

किसान आयोग के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ ने ताज़ा सब्जियों की पैदावार के मंडीकरण के लिए मार्कफैड्ड और पंजाब एग्रो को और अतिरिक्त श्क्तियां देने की ज़रूरत का जि़क्र किया। पटियाला बाग़बानी के.वी.एस. सिद्धू ने कृषि के विकास के लिए राज्य के साधनों के निष्पक्ष आवंटन को यकीनी बनाने के लिए खेती सब्सिडियों के तर्कसंगत होने का विचार पेश किया।

मीटिंग में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, प्रमुख सचिव वित्त अनिरूद्ध तिवाड़ी, प्रमुख सचिव योजनाबंदी जसपाल सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और पंजाब राज्य योजना बोर्ड के उप चेयरमैन राजिन्दर कौर और अमृत सागर मित्तल के अलावा भवदीप सरदाना, भगवंत सिंह और पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डा. बलदेव सिंह ढिल्लों उपस्थित थे।