सुनील गावसकर ने भारतीय कप्तान विराट कोहली को लेकर इस बात पर उठाए सवाल

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 29 जुलाई 2019, 3:33 PM (IST)

नई दिल्ली। भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावसकर ने विश्व कप सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद भी विराट कोहली को स्वाभाविक तौर पर कप्तान बनाए रखे जाने के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। गावसकर मानते हैं कि कोहली को दोबारा कप्तानी सौंपे जाने से पहले आधिकारिक बैठक होनी चाहिए थी।

मिड-डे में प्रकाशित अपने लेख में गावसकर ने लिखा है कि अगर उन्होंने (चयनकर्ता) वेस्टइंडीज दौरे के लिए कप्तान का चयन बिना किसी मीटिंग के लिए कर लिया तो यह सवाल उठता है कि क्या कोहली अपनी बदौलत टीम के कप्तान हैं या फिर चयन समिति की खुशी के कारण हैं। गावसकर ने लिखा, हमारी जानकारी के मुताबिक कोहली की नियुक्ति विश्व कप तक के लिए ही थी।

इसके बाद चयनकर्ताओं को इस मसले पर मीटिंग बुलानी चाहिए थी। यह अलग बात है कि यह मीटिंग पांच मिनट ही चलती लेकिन ऐसा होना चाहिए था। एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली अखिल भारतीय चयन समिति ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए कोहली को तीनो फॉर्मेट का कप्तान नियुक्त किया है।

इस सीरीज की शुरुआत फ्लोरिडा में होने वाले टी20 मुकाबलों से होगी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने साफ कर दिया कि वह विश्व कप में टीम के प्रदर्शन पर रिव्यू बैठक नहीं बुलाएगी लेकिन वह इस विश्व कप में टीम के प्रदर्शन को लेकर टीम मैनेजर की रिपोर्ट पर विचार करेगी।

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गावसकर ने पूरे मामले का मखौल उड़ाते हुए लिखा कि आखिरकार कोहली क्यों अपनी मनमाफिक टीम चुनने का हक पाते रहे हैं। गावसकर ने लिखा कि चयन समिति में बैठे लोग कठपुतली हैं। पुनर्नियुक्ति के बाद कोहली को मीटिंग में टीम को लेकर अपने विचार रखने के लिए बुलाया गया।

प्रक्रिया को बाईपास करने से यह संदेश गया कि केदार जाधव और दिनेश कार्तिक को खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर किया गया जबकि विश्व कप के दौरान और उससे पहले कप्तान ने इन्हीं खिलाडिय़ों पर भरोसा जताया था और नतीजा हुआ था कि टीम फाइनल में भी नहीं पहुंच सकी।

बीसीसीआई के एक तबके का यह मानना था कि 2023 विश्व कप के ध्यान में रखते हुए तीनों फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कप्तान बनाया जाना एक अच्छा कदम हो सकता था और इससे आने वाले समय में टीम को फायदा होता।

(IANS)

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