karnataka crisis: येदियुरप्पा सरकार ने हासिल किया विश्वासमत, स्पीकर ने छोड़ा पद

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 29 जुलाई 2019, 08:07 AM (IST)

नई दिल्ली। कर्नाटक के चौथी बार सीएम बने येदियुरप्पा सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई है। येदियुरप्पा ने विधानसभा में बहुमत साबित कर है। विपक्ष ने मत विभाजन की मांग नहीं की और येदियुरप्पा सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई। येदियुरप्पा सरकार को बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा चाहिए था और बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। अभी 207 विधायकों वाली विधानसभा है। इसी बीच स्पीकर रमेश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैं पद को छोड़ना चाहता हूं और जो डिप्टी स्पीकर है अभी वह इस पद को संभालेंगे।

Update....


- कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा ने अपनी सरकार का बहुमत साबित कर दिया है। इसी बीच स्पीकर रमेश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैं पद को छोड़ना चाहता हूं और जो डिप्टी स्पीकर है अभी वह इस पद को संभालेंगे।

- येदियुरप्पा सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई है। विपक्ष ने मत विभाजन की मांग नहीं की और येदियुरप्पा सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई। येदियुरप्पा सरकार को बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा चाहिए था और बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। अभी 207 विधायकों वाली विधानसभा है।

- एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि आप अब लोग सरकार में हैं, इसलिए विधायकों पर इस्तीफे का दबाव बनाना खत्म कीजिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार बढ़िया काम करती है तो वह सरकार को समर्थन करेंगे।

- मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि मैं किसी के खिलाफ बदले की राजनीति के साथ काम नहीं करता हूं इसलिए अब भी नहीं करूंगा। हमारी सरकार किसानों के लिए काम करना चाहती है, इसलिए मैं सभी से अपील करता हूं कि सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव का समर्थन करें।

- विधानसभा में सिद्धारमैया ने कहा कि येदियुरप्पा कभी भी जनता के आशीर्वाद के साथ सीएम नहीं बने। ना आपके पास 2008 में बहुमत था, ना 2018 में और ना ही अब। जब उन्होंने शपथ ली तो सदन में 222 विधायक थे, लेकिन बीजेपी के पास 112 विधायक कहां हैं। उन्होंने कहा कि आप मुख्यमंत्री तो रहेंगे, लेकिन उसकी भी कोई गारंटी नहीं है। आप बागियों के साथ है, लेकिन क्या आप सरकार चला सकते हैं। मैं आपके विश्वास मत के प्रस्ताव का विरोध करता हूं।

- बेंगलुरु में कांग्रेस विधायक दल की बैठक विधानसभा में शुरू हो गई है। विधायक दल के नेता सिद्धारमैया, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव, केजे जॉर्ज, प्रियांक खड़गे, एमबी पाटिल, ईश्वर खंद्रे और अन्य कांग्रेस विधायक बैठक में मौजूद हैं।

- मुख्‍यमंत्री बीएस येदियुपरप्‍पा आज फ्लोर टेस्‍ट से पहले मंदिर पहुंचे।

स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा बचे हुए 14 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने के बाद येदुरप्पा की राह आसान हो गई है। वहीं स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला कर चुके बागी विधायक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि कर्नाटक के सियासी ड्रामे में उनका भरपूर इस्तेमाल हुआ और वे स्पीकर की बुनी हुई स्क्रिप्ट के शिकार हो गए। बागियों ने अपने राजनीतिक करियर को बचाने के लिए विकल्प खोजने भी शुरू कर दिए हैं।

बता दे, रविवार को स्पीकर रमेश कुमार ने सभी 17 बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया। स्पीकर रमेश कुमार ने 25 जुलाई को 3 बागी विधायकों आर शंकर (केपीजेपी विधायक जिसने कांग्रेस के साथ विलय किया था) और रमेश जर्किहोली (कांग्रेस), महेश कुमठल्ली (कांग्रेस) को अयोग्य ठहराया था।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

स्पीकर रमेश कुमार ने 14 और विधायकों आनंद सिंह (कांग्रेस), प्रताप गौड़ा पाटिल (कांग्रेस), बीसी पाटिल (कांग्रेस), शिवराम हेब्बार (कांग्रेस), एस टी सोमशेखर (कांग्रेस), बायरती बसवराज (कांग्रेस), रोशन बैग (कांग्रेस), मुनीरतना (कांग्रेस), के सुधाकर (कांग्रेस), एमटीबी नागराज (कांग्रेस), श्रीमंत पाटिल (कांग्रेस) और ए एच विश्वनाथ (जेडीएस), नारायण गौड़ा (जेडीएस), के गोपलाईया (जेडीएस) को अयोग्य घोषित किया था।
अयोग्य करार दिए गए बागी विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से कहा कि वे अपनी पार्टी और बीजेपी, दोनों से ही ठगे गए। बीजेपी ने उन्हें कैबिनेट मंत्री के पद देने का सपना दिखाया था, लेकिन उनके साथ सबसे बड़ा खेल स्पीकर ने किया और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। लिहाजा, उन्हें विधानसभा की सदस्यता से ही हाथ धोना पड़ा। यही नहीं वह 2023 तक कोई उपचुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।

स्पीकर के फैसले को कांग्रेस-जेडीएस के बागियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है। जेडीएस नेता और बागी विधायक एएच विश्वनाथ ने कहा कि फैसला ‘कानून के विरुद्ध’ है और वह अन्य असंतुष्ट विधायक के साथ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। विश्वनाथ ने कहा, 'अयोग्यता विधि विरुद्ध है। मात्र उन्हें जारी व्हिप के आधार पर आप विधायकों को सदन में आने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।

बता दे, मौजूदा समय में कर्नाटर विधानसभा में नंबरों की बात करें तो विधासभा में कुल 225 विधायक हैं। 225 में 17 अयोग्य करार होने के बाद विधानसभा का आंकड़ा 208 पर पहुंच गया है। येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 105 विधायक चाहिए। निर्दलीय के समर्थन के साथ बीजेपी का आंकड़ा 106 विधायक पर पहुंच रहा है। जबकि कांग्रेस और जेडीएस के पास महज 100 विधायक ही हैं। येदियुरप्पा तो फ्लोर टेस्ट पास कर लेंगे लेकिन 17 विधायकों के अयोग्य ठहराने के बाद उनके राजनीतिक भविष्य पर खड़ा हो गया है।

वैसे ताे कर्नाटक की गणित के हिसाब से ये साफ है कि बीजेपी की राह बिल्कुल आसान है और येदियुरप्पा अपनी कुर्सी बचाने में पूरी तरह से कामयाब होंगे। बीजेपी के नेताओं को पूरा भरोसा है, लेकिन कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा है कि फ्लोर टेस्ट में कुछ भी हो सकता है। उधर जीडीएस के बीजेपी को समर्थन देने की अटकलों पर कुमार स्वामी ने फुलस्टॉप लगा दिया है और कहा कि जेडीएस विपक्ष की भूमिका निभाएगा। मौजूदा आंकड़ों को देखकर लगता भी नहीं कि बीजेपी को जेडीएस के समर्थन की जरूरत है। इसके साथ ही बीजेपी की तरफ से स्पीकर रमेश कुमार को पद छोड़ने के लिए कह दिया गया है, जो पारंपरिक रूप से सत्तारूढ़ दल के किसी सदस्य के पास होता है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।