बोरवेल के गड्ढे में गिरने से महिला की मौत

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 27 जुलाई 2019, 9:53 PM (IST)

सवाई माधोपुर। जिले के बामनवास उपखंड के सिरसाली गांव में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। गांव की एक महिला खेत पर कार्य करने के लिए जा रही थी। अचानक एक खुले बोरवेल में जा गिरी। हालांकि करीब 7 घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद महिला को बोरवेल से बाहर तो निकाल लिया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

मामले के अनुसार सिरसाली गांव की महिला शांति देवी पत्नी ठंडी राम मीणा सुबह करीब 9 बजे अपने घर से खेत पर जा रही थी। इसी दौरान रास्ते में एक खेत में खुले बोरवेल में शांति देवी का पैर चला गया और वह बोरवेल में समाती चली गई।

हालांकि इस दौरान बोरवेल में गिरते ही थोड़ी सी देर के लिए शांति देवी ने बोरवेल के पाइप के मुंह को हाथ से पकड़ लिया और बोरवेल में लटकती हुई चिल्लाने लगी। शांति देवी की चीक सुनकर जैसे ही आसपास के खेतों में मौजूद ग्रामीण मौके पर पहुंचे तब तक शांति देवी का हाथ छूट कर वह बोरवेल के अंदर जा चुकी थी। मौके पर गांववासियों की भारी भीड़ इकट्ठी हो गई और प्रशासन को सूचित किया गया।

इस दौरान पास में ही चल रहे रेलवे ट्रैक के निर्माण में लगी जेसीबी और एलएनटी मशीनों को तुरंत बोरवेल की खुदाई के लिए लगा दिया गया और ग्रामीणों के सहयोग से बोरवेल की खुदाई शुरू की गई। थोड़ी देर बाद बामनवास उपखंड प्रशासन, पुलिस जाब्ता और गंगापुर सिटी एडीएम पंकज ओझा भी मौके पर पहुंच गए। जिला मुख्यालय से राहत और बचाव दल भी मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू में तेजी लाई गई। हालांकि रेस्क्यू बजाय किसी नई टेक्निक के वही पुरानी तकनीक के आधार पर शुरू किया गया।

रेस्क्यू शुरू होने के बाद चिकित्सा विभाग की टीम और भरतपुर संभाग मुख्यालय से राहत बचाव दल मौके पर पहुंचा। जिला मुख्यालय और संभाग मुख्यालय से पहुंचे सिविल डिफेंस एनडीआरएफ की टीम ने जी जान से जुट कर करीब 7 घंटे तक रेस्क्यू किया और लगभग 4 बजे महिला का हाथ दिखने लगा। इस दौरान करीब 40 फीट तक बोरवेल को खुदा जा चुका था। महिला का हाथ देखते ही ग्रामीण और प्रशासन ने राहत की सांस ली और महिला की सलामती की सभी दुआ करने लगे। लेकिन बहुत ही कम चांस ऐसा होता है कि ऐसे मामलों में किसी इंसान को जिंदा बचाया जा सके और शांति देवी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। बोरवेल से निकाले जाने के बाद हालांकि शांति देवी की मौत की पुष्टि मौके पर नहीं की गई लेकिन सभी ने मान लिया था कि उसकी जिंदगी की डोर टूट चुकी है।

बोरवेल से निकाले जाने के बाद शांति देवी को बामनवास सामान्य चिकित्सालय ले जाया गया जहां जांच के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित करने के साथ ही शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया। बाद में शांति देवी के शव को गांव ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन इन सबके बीच एक सवाल यह भी उठता है कि आखिर ऐसे खुले बोरवेलों से और कितनी जिंदगियों के साथ खिलवाड़ होता रहेगा।

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