MP नुसरत जहां ने कहा, हिंसक भीड़ ने राम के नाम को हिंसा के नारे में बदला

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 25 जुलाई 2019, 8:13 PM (IST)

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की सांसद नुसरत जहां (Nusrat Jahan) ने कहा कि तथाकथित गौरक्षकों ने भगवान राम (Lord Ram) का नाम एक हिंसक नारे में बदल दिया है। उन्होंने इस तरह की घटनाओं के खिलाफ और मानव जीवन के पक्ष में आवाज उठाने वाले नागरिक समूहों व लोगों की सराहना की।

बांग्ला फिल्म अभिनेत्री व सांसद नुसरत जहां ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि गोमांस खाने या गाय-तस्करी आदि की अफवाहों पर तथाकथित गौरक्षकों द्वारा नागरिकों पर हमला किए जाने की कई घटनाएं हुई हैं। इस मुद्दे पर सरकार की चयनित चुप्पी और निष्क्रियता हमें गहरा दुख देती है। हिंसक भीड़ ने असल में भगवान राम के नाम को एक हिंसक नारे में बदल दिया है।

उन्होंने कहा, लिंचिंग करने वाले लोग हमारे देश के दुश्मन और आतंकवादी होने के अलावा और कुछ नहीं हैं। एक खुले पत्र में नुसरत जहां ने नागरिकों से भी मॉब लिंचिग (भीड़ द्वारा पीट पीटकर की जाने वाली हत्या) के खिलाफ अपनी आवाज उठाने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि देश में घृणा आधारित अपराधों और मॉब लिंचिंग में तेज बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने अपने ट्वीट में उल्लेख किया कि 2014-19 की अवधि में मुसलमानों, दलितों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ सबसे अधिक घृणा अपराध दर्ज किए गए हैं।

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उन्होंने लिखा, वर्ष 2019 की शुरुआत से अभी तक 11 से अधिक घृणा अपराध हो चुके हैं जिनमें चार लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सभी अल्पसंख्यक और शोषित लोग शामिल हैं। सरकार की चुप्पी पर आश्चर्य जताते हुए नुसरत जहां ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल 17 जुलाई को सरकार से इन भयावह कृत्यों से निपटने के लिए एक कानून बनाने के लिए कहा था।

मगर, सरकार चुप है। उन्होंने कहा, एक युवा सांसद के तौर पर नए युग के धर्मनिरपेक्ष भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मैं इस सरकार और सभी सांसदों से अनुरोध करती हूं कि वे भीड़तंत्र द्वारा लोकतंत्र पर इस तरह के हमलों को रोकने के लिए एक कानून बनाएं। नुसरत जहां ने पत्र का अंत कवि मुहम्मद इकबाल की पंक्तियों मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना के साथ किया।

(IANS)