फर्जी सरकारी कागजात बनता था जालसाज डॉक्टर, यहां पढ़ें

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 25 जुलाई 2019, 6:27 PM (IST)

जयपुर । सरकारी मेडिकल कॉलेजो में नौकरी दिलवाने व टेंडर दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी में स्पेशल ऑपरेशन गु्रप (एसओजी) के हत्थे चढ़ा डॉक्टर पारूल फर्जी सरकारी कागजात बनने का माहिर रहा है। एसओजी ने आरोपित के कब्जे से कई सरकारी सील व दस्तावेज बरामद किए है।
एडीजी (एटीएस/एसओजी) अनिल पालीवाल ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी पारूल शर्मा रामलीला मैदान के पास सीकर का रहने वाला है। एसओजी टीम ने 66 लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले में आरोपित पारूल को 21 जुलाई को सीकर से पकड़ा था।
एसओजी पूछताछ में सामने आया है कि उसके पास एमबीबीएस की डिग्री नहीं है, उसने डॉक्टर का फर्जी कार्ड बनवा रखा था। उसने स्वास्थ्य विभाग के लेटरहैड पर अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं राजस्थान जयपुर के फर्जी हस्ताक्षर कर डॉक्टरों के वेतन निर्धारण स बन्धी फर्जी पत्र जारी किया गया था।



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कई नियुक्ति पत्र किए जारी

आरोपी पारूल शर्मा से पूछताछ में सामने आया है कि उसने शासन उपसचिव संजय कुमार के फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी स्थानान्तरण पत्र जारी किया। शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के फर्जी हस्ताक्षर कर डॉ. बनवारी लाल सैनी का भरतपुर जोन में धौलपुर का नियुक्ति पत्र, डॉ. रणवीर जेदिया का उदयपुर जोन में प्रतापगढ़ का नियुक्ति पत्र, डॉ. राजेश सोनी का जयपुर जोन में सीकर का नियुक्ति पत्र, डॉ. राजकुमार शर्मा का जोधपुर जोन में बाड़मेर का नियुक्ति पत्र, डॉ. बनवारी लाल सैनी का जयपुर जोन में झुंझुंनू का नियुक्ति पत्र सहित कई फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए। निदेशक स्वास्थ्य विभाग की ओर से संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के फर्जी हस्ताक्षर कर भगवती कुमारी शर्मा का एलडीसी पद का फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किया है। श्रीराम एन्टरप्राईजेज के नाम से भी कई फर्जी टेण्डर जारी किए।

सरकारी मोहरे की बरामद


आरोपित की निशानदेही पर स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न पदों के साथ-साथ राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन राजस्थान सरकार, एनएचएम राजस्थान सरकार, एमडी (एनआरएचएम) राजस्थान, डायरेक्टर एमसीआई, सीएमएचओ सीकर, निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन राजस्थान से स बन्धित कई सील (मोहर) बरामद की गई है। जिनके जरिए शातिर ने कई लोगों के साथ जालसाजी की है।

यह था मामला


पुलिस निरीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि परिवादी पूरण यादव ने एसओजी में मामला दर्ज कराया। वर्ष 2017 में आलोक शर्मा व संजय शर्मा के जरिए सचिवालय की सरस पार्लर की कैंटीन में उसकी मुलाकात पारूल शर्मा से हुई थी। जिसने खुद को सीकर मेडिकल कॉलेज में नोडल ऑफिसर व एमबीबीएस डॉक्टर होना बताया। राजनीतिक पहुच का हवाला देते हुए सात नए मेडिकल कॉलेज में एल्यूमिनियम व ग्लास कार्य के लिए टेण्डर दिलवाने व लैब टैक्नीशियन व एलडीसी के पदों पर नियुक्ति करवाने का झांसा दिया। बातों में आने पर परिवादी से कई बार में करीब 66 लाख रुपए ले लिए। जिसके बाद चिकित्सा विभाग राजस्थान सरकार के फर्जी नियुक्ति आदेश व कागजात और टेंडरों के लिए भी इण्डियन मेडिकल सर्विसेज कॉपरेशन लिमिटेड के फर्जी वर्क आर्डर दे दिए।

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