जयपुर । प्रदेश के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने गुरुवार को मनरेगा श्रमिकों से संवाद किया । जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में पायलट ने कहा कि संवाद लोकतांत्रिक मूलभूत भावना का प्रतीक है इसी तरह सरकार ,जनता अधिकारियों का आपस में संवाद करना अनिवार्य है ।संवाद के कारण आज आप खुले भाग में अपने नरेगा के अनुभव बता रहे है ।
उन्होंने कहा कि जब नरेगा पहली बार आया था उससे पहले दुनिया के किसी मुल्क में रोजगार की गारन्टी नही थीं। नरेगा की सोच देश से जुडी है की गरीब लोगों को आर्थिक मदद के साथ न्याय भी देना है । उन्होंने कहा कि महिलाओं को धन्यवाद देना चाहूँगा की नरेगा के माध्यम से आत्मविश्वास उत्पन्न हो रहा है और महिलाओ ने अपने आप को अपनी जगह पर स्थापित किया है। उपमुख्यमंत्री पायलट ने कहा की सोशल ऑडिट का प्रावधान लाकर नरेगा के कामों का ऑडिट करायेंगे।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आपने दो दिनों में जो मुद्दे बताये है उन पर विचार करेंगे।कमी को ढूढ़ना, समाधान करना ,पारदर्शिता से स्वीकार करना सबकी जिम्मेदारी है।नरेगा में जो भी कमी है उसका न्यायपूर्ण समाधान करेंगे।
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पायलट ने कहा कि हम चाहते है श्रमिको को पूरा पेंमेंट मिले और यदि कही काम की पैमाइश में कमी आ रही है तो यह मैट कि जिम्मेदारी है की काम करने वाले श्रमिको को उसकी ट्रैनिंग दे।हम किसी का पैसा नहीं काटना चाहते । ये देश का खजाना आपका है और इस देश का निर्माण कोई नेता या अधिकारी नहीं करता आप लोग करते हों। 7 महीने में जो नरेगा की संख्या में जो इजाफा हुआ शायद देश में इतना इजाफा किसी राज्य में नही हुआ होगा।विभाग ने 6 नंबर फॉर्म भरकर इजाफा किया है उसके लिए नरेगा विभाग के सभी अधिकारियों का धन्यवाद देता हू। साथ ही दिव्यांग और वृद्धजन श्रमिक है नरेगा में उनके लिए अलग से प्रावधान करेंगे ।नरेगा एक स्कीम नहीं है बजट का हेड नहीं है श्रमिको को आर्थिक मदद देने का ढांचा है । हम लगातार गाँवो में जाकर जो सुझाव मिलेगे उनको स्वीकार करेगे। कार्यक्रम में आयुक्त ईजीएस पी सी किशन के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।