Triple Talaq Bill : विरोध के बीच लोकसभा में फिर पास हुआ तीन तलाक बिल

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 25 जुलाई 2019, 08:10 AM (IST)

नई दिल्ली। गुरुवार को दिनभर चली लंबी बहस के बाद लोकसभा में देर शाम एक बार फिर तीन तलाक बिल पास हो गया। हालांकि कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी समेत कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। वैसे यह बिल पिछली लोकसभा में भी पास हो चुका था लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने से इस बिल को वापस कर दिया गया था। अब सरकार कुछ बदलावों के साथ फिर से बिल को लेकर आई है। इसे कानून का रूप देने के लिए अब राज्यसभा में भी पास कराना होगा।

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- तीन तलाक बिल लोकसभा में ध्वनि मत से पास। बिल पर वोटिंग के दौरान कांग्रेस का लोकसभा से वॉकआउट। असदुद्दीन ओवैसी का संशोधन प्रस्ताव खारिज।

- कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा िक केवल एक समुदाय के महिलाओं को छोडऩे वालों पर क्यों कानून लाया जा रहा है, अन्य समुदायों के लिए ऐसा कानून नहीं है। एक और कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को क्रिमिनलाइज करने को नहीं कहा, हमारा विरोध इसी छोटे मुद्दे पर है।

- कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्रिपल तलाक पर चर्चा के दौरान कहा कि पैगंबर साहब ने भी इसे गलत माना था। ओवैसी साहब ऐसी पीडि़त महिलाओं के हक में बात करते तो अच्छा लगता। सुप्रीम कोर्ट के दो जज ने तीन तलाक को गलत बताया और एक ने कहा कि कुरान में गलत है तो कानून में सही कैसे माना जा सकता है। मोदी सरकार तीन तलाक की पीडि़त महिलाओं के साथ खड़ी रहेगी, यह फैसला हमारे प्रधानमंत्री ने किया था। सदन को तीसरी बार बिल पर चर्चा करनी पड़ रही है क्योंकि कानून की निगरानी नहीं कुछ लोग कानून को रोकने की मंशा से यहां बैठे हैं।


- भाजपा सांसद पूनम महाजन ने कहा कि प्रधानमंत्री महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए यह बिल लेकर आए हैं। कानून ने बुरा न सहने के बारे में भी सिखाया है, ऐसे में महिलाओं को तीन तलाक पर बधाई कैसे दे सकते हैं। छोटी-छोटी बातों पर तलाक देने के मामले सामने आए हैं। आज तलाक को मजाक बना दिया गया है और इसे रोकना जरूरी हो गया है।

- एआईएमएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा मुस्लिमों को तहजीब से दूर करने के लिए यह बिल लाया गया है। इस्लाम में शादी जनम-जनम का साथ नहीं है, यह एक कॉन्ट्रैक्ट है। जिदंगी की हद तक है और हम उसमें खुश हैं।

-लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान सपा सांसद आजम खान ने चेयर पर बैठीं रमा देवी के बारे में कुछ टिप्पणी करने के बाद रविशंकर प्रसाद ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सदस्य को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। आजम ने कहा कि वह मेरी बहन जैसी हैं, माफी किसी बात की मांगनी चाहिए। भाजपा के सांसद आजम के बयान पर हंगामा कर रहे हैं। अब ओम बिड़ला आसन पर आ गए हैं और उन्होंने हंगामा शांत करने की अपील की।


- भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने तीन तलाक के पक्ष में बोलते हुए कहा कि एक धार्मिक देश में धर्म निरपेक्ष राज्य बनाना ही नेहरू की तरह पीएम मोदी के लिए सबसे बड़ी दिक्कत है। उन्होंने कहा कि धार्मिक कानून गलत हैं और उस सोच को ठीक करना जरूरी है। लेखी ने बताया कि बाबा साहब अम्बेडकर भी हिन्दू कानूनों को रोकना चाहता थे और बाद में इसी वजह से उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने कहा कि संविधान का कानून किसी एक कौम के लिए नहीं बल्कि भारत की पूरी जनता के लिए है। तलाक का अधिकार सभी को है, हिन्दू महासभा की गलती पर भी बात करूंगी और मुस्लिमों की गलत प्रैक्टिस को भी बंद करने पर भी बात करूंगी। लेखी ने कहा कि पीएम मोदी हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री होने का हक अदा कर रहे हैं जो नेहरू के बाद राजीव गांधी ने नहीं अदा किया था। विपक्ष मानता है कि हिन्दू पीएम मोदी मुस्लिम महिलाओं का भाई नहीं हो सकता।

- कानून मंत्री ने कहा कि यह नारी न्याय और नारी सम्मान का मामला है। पहले जब हम इस बिल को लेकर आए थे तब कुछ आशंकाएं थी, उन्हें अब मिटाया गया है। अब पीड़ित और उसके रिश्तेदार ही केस कर सकते हैं, बेल के लिए मजिस्ट्रेट को अधिकार दिए हैं लेकिन पीड़ित के सुनवाई के बाद ही ऐसा हो सकता है। उन्होंने सदन से एक सुर में इस बिल को पास करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस मामले को सियासी चश्मे से नहीं, धर्म और सियासत से नहीं, इंसाफ और इंसानियत से देखा जाना चाहिए

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-कानून मंत्री रविशंकर ने कहा कि तीन तलाक की पीड़ित मुस्लिम बहनों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। इसके बाद कोर्ट ने फैसला देते हुए तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया था। इसके बाद कोर्ट ने इस शरिया के खिलाफ भी बताया था। कोर्ट ने अपने निर्णय में इस पर कानून बनाने की मांग की और अन्य मुस्लिम देशों को भी देखा जहां शरिया को बदला गया है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कोर्ट की कड़ी टिप्पणी और कानून के बाद भी यह मामले रुके नहीं है और 574 मामले आए हैं और कोर्ट के निर्णय के बाद भी तीन सौ से ज्यादा मामले आए हैं।

- लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा शुरू हो गई है।
-बिल पेश होने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी के लिए चिंता की खबर है। क्योंकि एनडीए गठबंधन में भाजपा की साथी जनता दल (यू) तीन तलाक बिल का विरोध करेगी। इससे पहले भी जदयू विरोधी स्वर अपनाती रही है।


-JDU का मानना है कि सरकार की तरफ इस बिल पर किसी तरह की चर्चा नहीं की गई है। इसके अलावा जदयू की आपत्ति है कि तीन तलाक का अपराधीकरण होने के बाद पीड़ित महिलाओं की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। इसके अलावा बेल पर नियम को लेकर आम लोगों की राय, सियासी दलों से चर्चा करना जरूरी था।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने का जो वादा किया था, उसे पूरा करने की दिशा में आज अपना कदम बढाएगी। मई में दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद लोकसभा के पहले सत्र के पहले ही दिन सरकार ने तीन तलाक विधेयक का मसौदा पेश किया था। आज लोकसभा की मंजूरी के लिए इस विधेयक को रखे जाने की योजना है। चर्चा के बाद तीन तलाक बिल को पारित किए जाने की संभावना है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन तलाक बिल को लेकर अपनी प्रतिबद्धता कई बार जाहिर कर चुके हैं।


संसद के पहले सत्र में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस से अपील भी की थी कि वो समान नागरिक संहिता और शाहबानो केस की तरह यह मौका हाथ से नहीं गंवाए।