उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार हम सभी की प्राथमिकता हो-उच्च शिक्षा मंत्री

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 24 जुलाई 2019, 2:14 PM (IST)

जयपुर । प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा है कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिये। उन्होंने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थी हित में उद्देश्यपरक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिए जाने पर जोर देते हुए केंद्र सरकार के स्तर पर शिक्षा में निरन्तर बजट कम किये जाने पर चिंता जताई।
भाटी एक होटल में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के ड्राफ्ट पर आयोजित संगोष्टि में संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ है जब प्रदेश के किसी बजट में राजस्थान में एक साथ 35 राजकीय महाविद्यालय खोले जाने की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि तहसील, गाँव स्तर पर उच्च शिक्षा की पहुंच हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नियमित शिक्षा के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की भी हमने पहल की है।

भाटी ने कहा कि उच्च शिक्षा में शिक्षकों के एक हजार पद भरे जाने की घोषणा बजट में की गई है। इनके अलावा भी प्रदेश में आवश्यकतानुसार विषय वार पदों को भरने की राज्य सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवा पीढ़ी को रोजारोन्मुखी शिक्षा दिए जाने के लिए निरन्तर प्रयास करेगी। उन्होंने उच्च शिक्षा में जन सहभागिता के लिये भी प्रयास किये जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने शिक्षा में गुणात्मक विकास के लिए शिक्षा सत्रों की नियमितता पर भी ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की समुचित उपस्थिति कक्षाओं में हो, इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिये किये जा रहे प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि सभी के सहयोग से राजस्थान को अग्रणी शिक्षा राज्य बनाया जाएगा।

राजस्थान स्किल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ललित के . पवार ने कहा कि उच्च शिक्षा का ध्येय कौशल विकास भी हो। उन्होंने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत हुनर से जीवन विकास के आयामों पर भी कार्य हों।

हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति ओम थानवी ने कहा कि उच्च शिक्षा में शोध का स्तर बेहद खराब है। कैसे शोध का स्तर बढ़े, इस पर विचार हो। उन्होंने कहा कि गत सरकार में तीन विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए, यह चिंतनीय है। उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए संकल्प शक्ति की आवश्यकता जताते हुए कहा कि पत्रकारिता में शिक्षण समय की जरूरत है। उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए व्यापार के बरक्स समाज , देश के चिंतन को ध्यान में रख कर कार्य करने की आवश्यकता जताई।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष शिक्षाविद प्रो. बी.एम. शर्मा ने कहा कि शिक्षा सार्वजनिक सरोकारों का विषय है। उन्होंने उच्च शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाये जाने के लिये जमीनी स्तर पर कार्य करते शिक्षा नीति में नए आयाम जोड़कर कार्य करने पर जोर दिया।

इससे पहले उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने कहा कि उच्च शिक्षा केंद्रों, विश्वविद्यलयों में शोध नीति ऐसी हो जो आने वाले 20 सालों को ध्यान में रखकर तैयार हो। स्वायत्ता का समुचित उपयोग शोध और शिक्षा की बेहतरी के लिये हो। उच्च शिक्षा में निवेश की प्राथमिकता समाज के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर हो। उन्होंने नई शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में व्यवहारिक सोच रखते हुए सभी क्षेत्रों में कौशल दक्षता को केंद्र में रखते हुए कार्य करने की आवश्यकता जताई।
कॉलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने कहा कि शिक्षाविदों के सुझाव नई शिक्षा नीति में अधिक से अधिक सम्मलित हो, इसीलिए कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है। उन्होंने सभी का आभार भी जताया।


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