नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को आम्रपाली ग्रुप (Amrapali Group) के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। इससे 45 हजार फ्लैट खरीदारों को राहत मिलेगी। अदालत ने आदेश दिया कि नेशनल बील्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NBCCL) आम्रपाली के लंबित प्रोजेक्ट पूरा करेगी।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रेरा के तहत आम्रपाली समूह की कंपनियों के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करने का आदेश देते हुए कहा कि ग्रुप ने मनी लॉन्ड्रिंग की है। होम बायर्स को पेंडिंग अमाउंट 3 महीने में सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराने को कहा गया है।
आर. वेंकट रमानी को कोर्ट रिसीवर नियुक्त किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। तब सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नोएडा और नोएडा अथॉरिटी को यह बताने का निर्देश दिया था कि वे यह बताएं कि साल 2009 में जमीन के आवंटन के बाद 10 प्रतिशत भुगतान किया गया।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उसके बाद बिल्डर ने आवंटन की शर्तों को पूरा नहीं किया, तो आपने इसे रद्द
क्यों नहीं किया? साथ ही अदालत ने यह भी पूछा कि आप बताएं प्रोजेक्ट को
कैसे पूरा करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लीज डीड में गंभीर गड़बड़ी की
गई है। फ्लैट खरीदारों से जमा कराई गई रकम में हेराफेरी की गई। गौरतलब है
कि आम्रपाली के सीएमडी समेत अन्य आरोपी जेल में बंद हैं।