शिमला। राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषित करने का मामला केन्द्र सरकार के साथ उठाएगी ताकि विश्वविद्यालय के विकास एवं विस्तार के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला के समरहिल में विश्वविद्यालय के 50 वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों को संबोधित करते हुए, जय राम ठाकुर ने विश्वविद्यालय के बजट को मौजूदा 115 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 130 करोड़ रुपये करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में 8.20 करोड़ रुपये की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
50 वें स्थापना दिवस के अवसर पर शिक्षकों, छात्रों और गैर-शिक्षण सदस्यों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार कार्यक्रमों के माध्यम से हिमाचल के लोगों का सशक्तिकरण करने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने कहा कि यह बड़ी प्रसन्नता की बात है कि विश्वविद्यालय अपने उद्देश्य की पूर्ति करने में सफल हुआ है। जय राम ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान का भंडार होने के साथ ज्ञान के प्रसार का भी माध्यम होना चाहिए। भारतीय विरासत में निहित परंपराओं एवं मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को नए विचारों और अवधारणाओं के साथ आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालय में पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के प्रति बचनबद्ध है ताकि छात्रों को को कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि राज्य की स्थालाकृतिक बाधाओं के कारण विश्वविद्यालय परिसर में जगह की कमी रही है। उन्होंने कहा कि विकासात्मक परियोजनाओं को निष्पादित करने से पहले उचित योजना और अनुसंधान किया जाना चाहिए, ताकि इनका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में राष्ट्र को आज जो सक्षम नेतृत्व मिला है, उसके कारण विश्व समुदाय का दृष्टिकोण भारत के प्रति बदल गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य के लिए निवेश आकर्षित करने के लिए हाल ही में कुछ यूरोपीय देशों का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि संभावित निवेशकों के साथ बैठकें बड़ी सफल रही हैं क्योंकि कई उद्यमियों ने राज्य में निवेश के लिए रुचि दिखाई है। जय राम ठाकुर ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में विशेष रूप से दृष्टिबाधित छात्रों के लिए पुस्तकालय की स्थापना विश्वविद्यालय की एक बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दृष्टिबाधित छात्रों की सुविधा के लिए चयनित कॉलेजों और स्कूलों मे विशेष पुस्तकालय स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालय परिसर में वाईफाई सुविधा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार घणाहट्टी में नए परिसर की स्थापना के
साथ-साथ विश्वविद्यालय की अन्य गतिविधियों के विस्तार के लिए हर संभव
सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि
विश्वविद्यालय की स्वायत्तता किसी भी कीमत पर बनी रहे। उन्होंने कहा कि
राज्य के युवाओं में नशीली दवाओं के सेवन के प्रति बढ़ती लत पर अंकुश लगाने
के लिए शिक्षकों को भी आगे आना चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर
विश्वविद्यालय समाचार पत्र हिमशिखर, शोध पत्रिकाओं, स्मारिका और अन्य
प्रकाशनों और पुस्तकों का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने पद्मश्री डॉ.
ओमेश भारती को इस अवसर पर रेबीज के प्रभावी उपचार प्रदान करने में योगदान
के लिए सम्मानित किया।