निर्माण गतिविधियों के तकनीकी-कानूनी पहलू पर बैठक आयोजित

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 20 जुलाई 2019, 5:59 PM (IST)

शिमला। प्रधान सचिव राजस्व और आपदा प्रबंधन ओंकार चंद शर्मा की अध्यक्षता में गत सायं यहां निर्माण गतिविधियों के तकनीकी-कानूनी पहलू पर बैठक आयोजित की गई, जिसमें निर्माण से जुड़े अनेक पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि शहरी विकास विभाग, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005, के तहत गठित राज्य कार्यकारी समिति के निर्देशों के अनुसार राज्य में प्रत्येक शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) द्वारा मॉडल बिल्डिंग बाय लॉजॉ को अपनाने पर अनुपालन रिपोर्ट साझा करेगा। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) मॉडल बिल्डिंग बाय लॉज को अपनाने के लिए अपने जिले के यूएलबी का अनुसरण करेंगे।

उन्होंने कहा कि डीडीएमए के साथ शहरी विकास विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि निर्माण के लिए यूएलबी द्वारा अपनाए गए मॉडल बिल्डिंग बाय लॉज के अनुसार कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित निर्माण को सुनिश्चित करेगा, जिसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

शर्मा ने कहा कि डीडीएमए द्वारा ढांचागत और अग्नि सुरक्षा के लिए सभी निर्माण गतिविधियों जैसे कि शिक्षण संस्थान, हाउसिंग कॉलोनी, होटल और रिजॉर्ट या किसी अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान जैसे ढाबा, चाय स्टाल, होम-स्टे इत्यादि में सभी निर्माण गतिविधियों को प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सुरक्षा मानकों के अनुसार इस तरह के ढांचे का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग एसडीएमए और डीडीएमए के साथ मिलकर आईईसी सामग्री और गतिविधियों की सहायता से गांवों और ग्राम पंचायतों में सुरक्षित निर्माण प्रथाओं और पारंपरिक निर्माण प्रथाओं के बारे जानकारी का प्रसार करेगा।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता में डीडीएमए जांच करके यह सुनिश्चित करेंगे कि दुर्घटना संभावित क्षेत्र में विकसित असुरक्षित भवन या व्यावसायिक संरचना का सर्वेक्षण हुआ है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी। पर्यटन विभाग और अन्य संबंध विभाग सुरक्षा सुनिश्चित बनाएंगे ताकि भविष्य में कुमारहट्टी जैसी घटना की पुनर्रावृति न हो। उन्होंने कहा कि आरडी एंड पीआर विभाग एसडीएमए और डीडीएमए को खतरनाक प्रतिरोधी निर्माण में राजमिस्त्री, बढ़ई, बार बाइंडर्स और अन्य कारीगरों का प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

शर्मा ने कहा कि एसडीएमए विभिन्न विभागों से राज्य में सेवानिवृत्त इंजीनियरों, वास्तुकारों और टेक्नोक्रेट्स का डेटा बेस विकसित करेगा, ताकि आम जनता शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित निर्माण के लिए उनकी सेवाएं ले सके। निदेशक एवं विशेष सचिव राजस्व और आपदा प्रबंधन डी.सी. राणा ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।

निदेशक आरडी एंड पीआर राकेश कंवर, निदेशक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग सी पालरासु, आर्किटेक्ट-इन-चीफ एन.के. नेगी, अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण विकास सचिन कंवल, संयुक्त निदेशक शहरी विकास के.सी. गौर, उप सचिव पीडब्ल्यूडी रितु राज वर्मा, सहायक टाउन प्लानर रोहित भारद्वाज और अन्य अधिकारी बैठक में शामिल हुए।

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