पंजाब सरकार ने अपंगता सर्टीफिकेट जारी करने की प्रक्रिया को और सुचारू बनाया

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 17 जुलाई 2019, 8:08 PM (IST)

चंडीगढ़। योग्य लाभपात्रियों को अपंगता सर्टीफिकेट जारी करने की प्रक्रिया को और सुचारू बनाते हुए पंजाब सरकार द्वारा समर्थ अधिकारियों, संस्थाओं/अस्पतालों को अपंगता सर्टीफिकेट जारी करने के लिए नामांकित किया गया है जिससे लाभपात्री को समय पर कल्याण स्कीमों का लाभ पहुंचाने को यकीनी बनाया जा सके।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि यह देखने में आया है कि अपंग व्यक्तियों को अपंगता सर्टीफिकेट प्राप्त करने के दौरान जि़ला और सब-डिविजऩल सरकारी अस्पतालों में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने संस्थाओं/अस्पतालों और समर्थ अधिकारियों को नामांकित किया है जिससे योग्य लाभपात्रियों को समयबद्ध ढंग से उक्त सर्टीफिकेट जारी किये जा सकें।

उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी सिविल सर्जनज़ को सख्त हिदायतें जारी की गई हैं क्योंकि सिविल सर्जन, जि़ला स्तर पर बोर्ड का प्रमुख होता है और 19 मार्च, 2017 से अमल में आए ‘राइट ऑफ पर्सन विद डिसएबिलिटी 2016 (आर.पी.डब्ल्यू.डी-2016) के पालन को यकीनी बनाने के लिए जिम्मेदार है।

स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जन्स को हिदायत की कि वह हफ्ते में कम से कम एक बार बोर्ड की सभा को यकीनी बनाएं जिससे अपंगता सर्टीफिकेट जारी करने सम्बन्धी सभी लम्बित पड़े मामलों के साथ निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि अपनी ड्यूटी में किसी किस्म की कोताही या सर्टीफिकेट जारी करने की प्रक्रिया में बिना किसी ठोस कारण के देरी करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुए बलबीर सिद्धू ने बताया कि चलने-फिरने में अपंगता जैसे कि हाथ-पैर, रीड़ की हड्डी, पैरों के टेढ़ेपन आदि की स्थायी अपंगता वाले व्यक्तियों को सभी जि़लों और सब-डिविजऩल अस्पतालों से सर्टीफिकेट जारी किये जाएंगे।

इसी तरह गंभीर दिमागी बीमारियों के कारण हुई अपंगता, रीड़ की हड्डी की चोट, एसिड अटैक पीडि़तों, लकवा से प्रभावित व्यक्तियों, कुष्ठ रोग से पीडि़त व्यक्तियों, बौनापन या मासपेशीयों की कमज़ोरी के शिकार व्यक्ति सभी जि़ला अस्पतालों और सब-डिविजऩल अस्पतालों से सर्टीफिकेट प्राप्त कर सकेंगे जहाँ हड्डियों, मैडीकल, चर्म रोगों के माहिर डॉक्टर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इन अपंगता सर्टीफीकेटों को जारी करने के लिए ज़रूरत पडऩे पर टरशरी स्तर के संस्थानों की सलाह भी ली जायेगी। उन्होंने बताया कि बोर्ड में 1 हड्डियों का माहिर शामिल होगा और बोर्ड के प्रमुख द्वारा चुना गया। माहिर बोर्ड की शर्तों के मुताबिक अपंग व्यक्तियों को सर्टीफिकेट जारी करने के लिए समर्थ होगा।

उन्होंने आगे बताया कि आँखों संबंधी अपंगता वाले व्यक्ति सभी जि़लों और सब-डिविजऩल अस्पतालों में तैनात आँखों के माहिरों से सर्टीफिकेट प्राप्त कर सकेंगे। इसी तरह सुनने, बोलने और भाषाई अपंगता वाले व्यक्तियों को सर्टीफिकेट जारी करने के लिए सिविल सर्जन द्वारा चुना एक ई.एन.टी माहिर, 1 ऑडीयोलोजिस्ट/स्पीच लैंगुएज थैरेपिस्ट बोर्ड में शामिल होगा। इसी तरह सूझ-बूझ सम्बन्धी अपंगता, सीखने सम्बन्धी विशेष अपंगता के लिए भी सभी जि़लों और सब-डिविजऩल अस्पतालों के पीडियाट्रिक्स न्यूरोलॉजिस्ट/मनोवैज्ञानिक माहिर, क्लिनीकल या पुनर्वास साईकॉलोजिस्ट और साईकिआर्टिस्ट जैसे माहिर सर्टीफिकेट देने के लिए बोर्ड में मौजूद रहेंगे। दिमागी परेशानी के पीडि़तों को सर्टीफिकेट जारी करने के लिए क्लिनीकल असेसमेंट के साईकिआर्टिस्ट माहिर और मनोरोग माहिर समर्थ होंगे।

बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि गंभीर दिमागी बिमारियां (मल्टीपल सक्लैरोसिस आदि) वाले अपंग व्यक्तियों, ख़ून में खऱाबी या कई अपंगताओं वाले व्यक्ति जि़ला अस्पतालों के सम्बन्धित माहिरों से सर्टीफिकेट हासिल कर सकेंगे। सर्टीफिकेट जारी करने के मौके पर टरशरी स्तर पर लाजि़मी सलाह-मशवरे संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि चलने-फिरने में अपंगता जैसे हाथ पैर, रीड़ की हड्डी, पैरों के टेढ़ेपन आदि की स्थायी अपंगताओं के अलावा बाकी सभी मामलों में टरशरी स्तर की संस्थाओं की सलाह अपेक्षित होगी। यदि कोई माहिर डॉक्टर मौके पर मौजूद न हो तो पास के अस्पताल से सम्बन्धित माहिर बुलाया जायेगा या फिर केस पास के अस्पताल में भेज दिया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि डायरैक्टर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग इन सभी शिकायतों/ अपंगता सम्बन्धी झगड़ों को निपटाने के लिए ऐपीलेट अथॉरिटी होगा।