स्वान रिवर इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट ने बदली, महिलाओ की तकदीर

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 17 जुलाई 2019, 4:02 PM (IST)

शिमला। ग्रामीण हिमाचल प्रदेश की महिलाओं की आमदनी में स्वान वूमन फेडरेशन ;(एसडब्ल्यूएफ ) की पहलों के सहयोग से सुधार आ रहा है जिसका श्रेय उना जिले में स्वान रिवर इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट को जाता है। स्वान वूमन फेडरेशन लगभग 650 स्वयं.सहायता समूहों, एसएचजी का शीर्ष संगठन है। इन एसएचजी में लगभग 10000 महिला सदस्य हैं और इस प्रकार फेडरेशन हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं का सबसे बड़ा संगठन है। फेडरेशन के एसएचजी कई गतिविधियों का संचालन करते हैं यह गतिविधियां विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तिकरण पर लक्षित हैं जैसे कृषि आगत और उत्पाद की खरीदी और वितरण बेहतर प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन सामाजिक मुद्दे जैसे पारिवारिक स्वास्थ्य स्वच्छता और बच्चों की शिक्षा।

इस यात्रा की शुरूआत वर्ष 2013 में हुई थी जब हिमाचल प्रदेश के वन विभाग ने जेआईसीए से प्राप्त 3493 मिलियन जापानी येन ;लगभग 200 करोड़ के ओडीए लोन की सहायता से स्वान रिवर इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन शुरू किया। इस परियोजना का लक्ष्य इंटीग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेन्ट के माध्यम से जंगलों और कृषि भूमि को बचाना और कृषि तथा वन्य उत्पादों का निर्गत बढ़ाना है। इस परियोजना के तहत पहलों में वनरोपणए बाढ़ नियंत्रण सुविधाओं का निर्माणए मृदा संरक्षण और भूमि सुधार कृषि विकास और उना में आय अर्जन की गतिविधियों को बढ़ावा देना शामिल है।

यह परियोजना वर्ष 2015 में पूरी हुई और तब के 423 एसएचजी को मिलाकर एक सोसायटी बनाने का निर्णय लिया गयाए ताकि परियोजना के उद्देश्य पूरे हो सकें। लगभग चार वर्षों में ही इस सोसायटी के पास 779 करोड़ रू की संपत्ति है और 652 एसएचजी की बचत और क्रेडिट उसमें है। अब तक 2 करोड़ रू के ग्रुप लोन दिये जा चुके हैंए जिनका पुनर्भुगतान महिलाओं ने किया है।

स्वान वूमन, मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी की सचिव सुनीता शर्मा ने कहा सदस्यों को एक या दो दिन में सरलता से लोन मिल जाता है। इस सोसायटी की सहायता से महिलाएं अब उच्च दर से ब्याज कमाने के लिये धन जमा कर सकती हैं और बैंक की तुलना में कम ब्याज दर पर लोन ले सकती हैं। फाइनेंस तक महिलाओं की पहुँच बढ़ी है और वे अपने या अपने परिवार के सम्बंध में निर्णय ले सकती हैं। फेडरेशन के सहयोग से महिलाओं ने हल्दी उगाई यह ऐसी फसल है जिसे जंगली जानवर बर्बाद नहीं कर पाते हैं। अच्छी फसल से उत्साहित होकर फेडरेशन ने स्वान स्पाइसेस नामक एक यूनिट बनाई जो आवश्यक प्रमाणन के बाद अस्तित्व में आई। फिर स्वान स्पाइसेस ने अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में धनिया पाउडर लाल मिर्च पाउडर और भारतीय मिश्रित मसाले जोड़े। स्वान स्पाइसेस की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि उसने दो वर्ष में 6 मिलियन रू की बिक्री की।

इन गतिविधियों से अर्जित आय से एसएचजी सदस्यों की बेटियों को छात्रवृत्ति दी गई और उनके लिये निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाए गये। वर्ष में दो बार फोडर सीड किट्स भी दी जाती हैं ताकि परिवार का पोषण अच्छा रहे। जेआईसीए से वित्तपोषित यह परियोजना सफल हुई। स्वान वूमन फेडरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर के डोगरा ने कहा स्वान वूमन फेडरेशन की सफलता अब जेआईसीए और राज्य सरकार के लिये एक केस स्टडी है।

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