राज्यपाल आचार्य देवव्रत के सम्मान में राजकीय रात्रि-भोज का आयोजन

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 17 जुलाई 2019, 3:52 PM (IST)

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने गत सायं राज्यपाल आचार्य देवव्रत जिन्हें अब गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया है, के सम्मान में पीटरहॉफ में राजकीय रात्रिभोज का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित प्रदेश के मंत्रिमण्डल के सदस्य शामिल हुए।

राज्य सरकार द्वारा इस आयोजन के लिए धन्यवाद करते हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि उन्हें राज्य के हर वर्ग के लोगों से स्नेह और सहयोग प्राप्त हुआ तथा राज्य सरकार व विपक्ष से भी पूरा सहयोग मिला है। गत चार वर्षों के दौरान उन्होंने विभिन्न सामाजिक कृत्यों जैसे स्वच्छ भारत, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, जल संरक्षण जैसे अभियानों के माध्यम से देवभूमि के पर्याय को और अधिक सार्थक बनाने का प्रयास किया।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य प्रदेश के किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करना रहा क्योंकि किसानों की आय को दोगुना करने और रासायनिक उर्वरकों के अत्याधिक प्रयोग से उत्पन्न हो रही अनेक बीमारियों से बचाव का यह एकमात्र साधन है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली सरकार ने अभियान की सफलता के लिए उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के शांत वातावरण और स्वच्छ जलवायु वाले हिमाचल के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल की यादों को हमेशा संजोए रखेंगे।

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर उपस्थित प्रबुद्ध व्यक्तियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्रदेश के लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि राज्य व देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में उनके द्वारा किया गया कार्य सराहनीय और प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के महत्व को समझते हुए वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपने पहले ही बजट में प्राकृतिक खेती के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इस वर्ष के बजट में प्राकृतिक खेती के लिए बजट का विशेष प्रावधान किया है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोग प्राकृतिक खेती, शिक्षा और नशीली दवाओं के दुरूपयोग के विरूद्ध अभियान के क्षेत्रों में आचार्य देवव्रत के अच्छे कार्य और योगदान को कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने राज्यपाल आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि प्राकृतिक खेती का उनका मिशन बिना किसी रूकावट के चलता रहेगा। उन्होंने गुजरात के राज्यपाल के रूप में उनके सफल कार्यकाल की भी कामना की।

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