जयपुर। जवाहर कला केन्द्र के रंगायन में शनिवार को आयोजित ‘मिस्टिकल फॉरेस्ट‘ नृत्य नाटिका में वनवासियों के प्राकृतिक एवं सरल जीवन को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर जेकेके के अतिरिक्त महानिदेशक, फुरकान खान भी उपस्थित थे। 12-दिवसीय ‘विरसा 2019‘ के तहत इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन जेकेके द्वारा उदयपुर के पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सहयोग से किया गया।
प्रख्यात नर्तक एवं कोरियोग्राफर, संतोष नायर द्वारा प्रस्तुत इस नृत्य नाटिका में उड़ीसा के पारम्परिक नृत्य ‘मयूरभंज छाऊ‘ को आधार बनाते हुए कंटेम्पररी तत्वों का बेहतरीन उपयोग किया गया। नृत्य नाटिका में म्यूजिक, कोरियोग्राफी, डांस मूवमेंट, लाईट एवं कास्ट्यूम के माध्यम से जंगल में रहने वाले लोगों के प्राकृतिक और सरल जीवन को मंच पर साकार किया गया। कार्यक्रम में दर्शाया गया कि जंगल की दूनिया जो अपने-आप में सम्पूर्ण है, बाहरी हस्तक्षेप से किस प्रकार आशंकित रहती है। नृत्य नाटिका में नृत्य मुद्राओं के माध्यम से संदेश दिया गया जंगल के निवासियों को निर्मल, निर्दोश, उनके प्राकृतिक आवास के साथ वैसा ही रहने दें, जैसा कि वे हैं।
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नृत्य नाटिका में प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में सुधीर कुमार,
हिमेश पारचा, साहुल भाटिया, सत्यम खनगवाल, पंकज सिंह, नेहा शर्मा, स्वाति
शिशोदिया, रेवती जावलेकर और प्रियंका कनेरिया शामिल थे। प्रस्तुति का
प्रोडक्शन एवं स्क्रिप्टिंग नलिनी शर्मा द्वारा की गई जबकि म्यूजिक उपमन्यु
भनोट द्वारा दिया गया। ग्यानदेव सिंह द्वारा लाइट्स और अल्पना एवं नीरज
द्वारा कास्ट्यूम डिजाइन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि ‘विरसा 2019‘ के तहत आयोजित प्रदर्शनियों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आगंतुकों के लिए प्रवेश निःशुल्क है।
रविवार, 14 जुलाई को सुजाता महापात्रा एंड ग्रुप द्वारा ओड़िसी नृत्य:
प्रतिष्ठित
नृत्यांगना, सुजाता महापात्रा द्वारा भारतीय शास्त्रीय ओड़िसी नृत्य
प्रस्तुत किया जाएगा। ओड़िसी नृत्य द्वारा मुख्य रूप से धार्मिक कथाओं एवं
आध्यात्मिकता को व्यक्त किया जाता है।
सुजाता महापात्रा को नई दिल्ली में
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और मुम्बई में पंडित जसराज पुरस्कार सहित
अंतरराष्ट्रीय स्तर के अन्य अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं।
‘विरसा 2019‘ के बारे में
‘विरसा
2019‘ के माध्यम से जेकेके द्वारा कला, संस्कृति एवं विरासत की विभिन्न
शैलियों का प्रदर्शन करते हुए युवाओं को हमारे विरासत मूल्यों से जोड़ने का
एक प्रयास है। इस समारोह के दौरान प्रदर्शनियों का आयोजन जेकेके की
कंटम्पररी आर्ट गैलरी एवं कलादीर्घा-2 में 21 जुलाई तक प्रातः 11 बजे से
सायं 7 बजे किया जा रहा है। जबकि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन 10 जुलाई
से 14 जुलाई और 19 जुलाई से 21 जुलाई को जेकेके के रंगायन सभागार में सायं
7 बजे किया जायेगा।