लापरवाही से दुर्घटना पर फीडर ईचांर्ज से लेकर अधिशाषी अभियन्ता होगें उत्तरदायी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 12 जुलाई 2019, 7:18 PM (IST)

जयपुर। जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक ए.के. गुप्ता ने विद्युत दुर्घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए फीडर ईचांर्ज, कनिष्ठ अभियन्ता, सहायक अभियन्ता एवं अधिशाषी अभियन्ताओं को अपने कर्तव्य के
प्रति सजग रहकर कार्य करने के निर्देश दिये है, जिससे कि भविष्य में विद्युत तंत्र के रखरखाव के अभाव या उदासीनता के कारण विद्युत दुर्घटना घटित नही हो। विद्युत तंत्र के रखरखाव के अभाव में या उदासीनता के कारण यदि कोई दुर्घटना होती है तो चारो स्तर के कर्मचारी व अधिकारी उत्तरदायी होंगें और जिसके कार्यपालन में शिथिलता पाई जायेगी उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

गुप्ता ने बताया की आंधी और बरसात के मौसम में पोल, ट्रांसफॅार्मर व केबल तार क्षतिग्रस्त होते रहते है और उनको विद्युत कर्मियों द्वारा तत्परता से ठीक भी किया जाता है इसके बावजूद भी यदाकदा विद्युत दुर्घटना
व कही कही प्राण घातक दुर्घटना की सूचना मिलती है। जो अत्यन्त दुखद एवं चिन्तनीय है। प्राकृृतिक आपदाओं से विद्युत तंत्र को हाने वाली क्षति के अलावा यदाकदा विद्युत तंत्र के रखरखाव की कमी के कारण होने वाली
दुर्घटनाओ को विद्युत तंत्र का समय रहते रखरखाव करके रोका जाता है। परन्तु इसमें लापरवाही बरतने पर दुर्घटना होने की सम्भावना रहती है।
उन्होने बताया कि पोल टेढा होकर विद्युत लाईन के नीचे हो जाने, तार टूट कर नीचे गिर जाना या लटकना एवं फीडर का ट्रिप नही होना, सब-स्टेशन ट्रान्सफार्मर का अर्थिंग फैल होना या न्यूट्रल अलग हो जाना व केबल का जल जाना आदि की वजह से दुर्धटना की सम्भावना बन जाती है। फीडर ईचांर्ज, कनिष्ठ अभियन्ता व सहायक अभियन्ता ऐसी स्थिति में सजग रह कर समय पर कार्यवाही करते रहे तो विद्युत दुर्घटना की सम्भावना नगण्य हो जाती है और इसके विपरीत बरती गई लापरवाही दुर्घटना को जन्म देती है, जिससे जनहानि का खतरा बन जाता है।

गुप्ता ने अधिशाषी अभियन्ताओं को निर्देश दिए कि विद्युत तंत्र के निरीक्षण के दौरान रखरखाव में पाई गई कमियों को दूर करने के लिए समय पर अपने अधीनस्थों को निर्देशित करते रहें, जिससे दुर्घटना की सम्भावना
नगण्य हो सके।

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