शिक्षा मंत्री ने प्रदेशभर के शिक्षा अधिकारियों से किया विडियो कान्फ्रेंस के जरिए संवाद

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 12 जुलाई 2019, 6:12 PM (IST)

जयपुर। शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने शिक्षा अधिकारियों का आह्वान किया है कि विद्यालयों में जितने भी नए प्रवेश होते हैं, उतनी ही संख्या में पेड़ लगाया जाना सभी स्तरों पर सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में खोले गए महात्मा गॉंधी विद्यालयों में प्रत्येक को 1.25 लाख रूपये का बजट प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी माध्यम के यह विद्यालय शिक्षा के बेहतरीन केन्द्र बने, इसका प्रयास करें। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए ड्रेस कोड के निर्धारण के लिए कमेटी का गठन किया गया है।

डोटासरा शुक्रवार को यहां शिक्षा संकुल में प्रदेश के शिक्षा अधिकारियों से विडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए संवाद कर रहे थे। उन्होंने प्रवेशोत्सव के द्वितीय चरण के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जिलेवार समीक्षा भी की तथा विद्यालयों में पौधारोपण, निरीक्षण के लिए अधिकारियों द्वारा की जा रही कार्यवाही में रही विसंगतियों पर नाराजगी जताते हुए उन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी करने के निर्देश दिए जहां से मोनिटरिंग की समुचित जानकारियां नहीं आ रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कार्य में लापरवाही अथवा कोताही को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किा जाएगा। लापरवाही करने वाले अधिकारियेां के खिलाफ विभाग सख्त कार्यवाही करेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों-कर्मचारियों के हितों का संरक्षण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है परन्तु शिक्षा जैसे पवित्र कार्य में गुणवत्ता की दृष्टि से किसी स्तर पर समझौता नहीं किया जाएगा।

डोटासरा ने विद्यालयों में तालाबंदी के मामलों के बारे में भी विडियो कान्फ्रेस में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कहीं किसी विद्यालय में कोई कमी है तो उसे उचित स्तर पर ध्यान मे लाया जाए। बगैर किसी पूर्व सूचना और जन प्रतिनिधियों के संज्ञान में लाए बगैर किसी भी विद्यालय में कहीं तालाबंदी होती है तो संबंधित के खिलाफ त्वरित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं के निदान के लिए शाला दर्पण पोर्टल पर पृथक से ‘स्टाफ विण्डो’ की व्यवस्था की गयी है। कहीं किसी स्तर पर शिक्षकों, कर्मचारियों को कोई समस्या आती है तो इस पर अपनी समस्या ऑनलाईन दर्ज कराएं। प्रयास किया जाएगा कि समयबद्ध उसका समाधान हो जाए।

शिक्षा मंत्री ने शिक्षा अधिकारियों को प्रदेश के जिन-जिन विद्यालयों में अनुपयोगी सामान है, उसे सूचीबद्ध करने के भी निर्देश दिए। उन्होनंंे कहा कि अभियान चलाकर इस अनुपयोगी सामान का निस्तारण करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऎसा करने से विद्यालयों में 24 हजार कक्षा कक्षों का उपयोग शिक्षण के लिए किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के शारीरिक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को राज्य, जिला और राष्ट्रीय स्तर की खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित कर उन्हें तैयार करें। उन्हाेंने स्पष्ट कहा कि जहां शारीरिक शिक्षक है और विद्यार्थी किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले रहे हैं तो ऎसे शारीरिक शिक्षकों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने विद्यालयों में खेल की सामग्री और पुस्तकालयों के लिए भेजी गयी ग्रांट का समुचित सदुपयोग किए जाने के भी निर्देश दिए।

डोटासरा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गॉंधी की 150 वीं स्वर्ण जयंती वर्ष को मनाए जाने को मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने एक वर्ष की अवधि के लिए और बढ़ा दिया है। उन्हाेंने कहा कि विद्यालयों में जो पुस्तकें खरीदी जाएं, उनमें महात्मा गॉंधी के साहित्य को अधिकाधिक क्रय किया जाए। पुस्तकों की खरीद नियमानुसार हो परन्तु महात्मा गॉंधी के साहित्य को उसमें प्राथमिकता दी जाए। बच्चे उनके आदर्शों को आत्मसात कर आगे बढ़े, यही उन्हें हमारा सही मायने में स्मरण करना होगा।

उन्होंने बताया कि विद्यालयाें विषय अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने के लिए डीपीसी की कार्यवाही की गयी है। जल्द ही विद्यालयों में विषय अध्यापकों के सभी रिक्त पद भरने के प्रयास किए जांएंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सभी स्थानों पर 76 प्रतिशत तक शिक्षकों के पद भर दिए गए हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि विद्यालयों में शत-प्रतिशत शिक्षकों के पद भर दिए जाएं। उन्होंने विद्यालयों की मोनिटरिंग के अंतर्गत शाला दर्पण पर डाटा सही और समय पर फीड करने, भामाशाहों संपर्क कर विद्यालयाें को सुदृढ़ करने के भी निर्देश दिए।

डोटारासरा ने प्रदेश में शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए शिक्षकों से सुझाव भी आमंत्रित किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में नवाचार के लिए विभाग को शिक्षक सुझाव भेजें। इनका परीक्षण कर विभाग, अभिभावकों और प्रदेश के शिक्षा के हित में इन्हें लागू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने विद्यालयों से जनसमुदाय को जोड़े जाने, अधिकाधिक वृक्ष लगाने और शैक्षिक विकास के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया।

शिक्षा राज्य मंत्री ने बालसभाओं के आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि शिक्षा अधिकारी प्रयास करे कि बालसभाओं में विभिन्न समाजों, कमजोर और गरीब वर्ग के लोगों की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया जाए। गरीब, पिछडे तबके के अभिभावकों की समस्याओं का बालसभाओं के माध्यम से समाधान को भी सभी अधिकारी सुनिश्चित करे। उन्होंने बालसभाओं में सर्वधर्म प्रार्थना करवाने जाने का भी आह्वान किया।

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15 जुलाई से प्रदेश के महाविद्यालयों में होगें प्रतियोगिता दक्षता कार्यक्रम,सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का सफल और प्रभावी आयोजन हो
विडियो कान्फ्रेन्स में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने महाविद्यालयी शिक्षकों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में पहली बार होने जा रही राज्य स्तरीय सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में 56 हजार 678 विद्यार्थी पंजीकृत हुए हैं। यह प्रतियोगिता 246 महाविद्यालयों में प्रातः 11 से दोपहर एक बजे के दौरान होगी। उन्हाेंने सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के सफल और प्रभावी आयोजन के लिए विडियो कॉन्फ्रेन्स में निर्देश दिए।

उन्हाेंने कहा कि इस बार राज्य के राजकीय महाविद्यालयों में प्रथम वर्ष में करीब 1.5 लाख विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। उन्होने इसी अनुपात में महाविद्यालयों में वृक्षारोपण कराने के साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने पर जोर दिया।

उन्हाेंने बताया कि 15 जुलाई से प्रदेश के महाविद्यालयों में प्रतियोगिता दक्षता कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग दी जाएगी। उन्हाेंने कहा कि प्रतियोगी दक्षता कार्यक्रम की कक्षाएं विद्यार्थियों के लिए सार्थक हो इसे सभी स्तरों पर सुनिश्चित किया जाए। उन्हाेंने महाविद्यालयों मे ‘हाउस वाईज’ गतिविधियॉं आयोजित करने और ‘अन्र्तजिला’ क्रिडा खेलकूद प्रतियोगिताओं के भी प्रभावी आयोजन के निर्देश दिए।

विडियो कॉन्फ्रेन्स में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़, राज्य परियोजना निदेशक एन.के. गुप्ता, शिक्षा विभाग के निदेशक ओ.पी. कसेरा ने भी शिक्षा अधिकारियों से संवाद कर जितने विद्यार्थियों का नामांकन होता है, उतने ही पेड़ लगाए जाने और विद्यालयों की समुचित मोनिटरिंग करते हुए प्रदेश को शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी करने का आह्वान किया।